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Sample Failed: बिलासपुर। बीबीएन में बनने वाली दवाइयों के सैंपल फेल होने पर बीजेपी के कर्मचारी प्रकोष्ठ के पूर्व राज्य महामंत्री राम सिंह ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2016 से मार्च, 2017 तक देशभर में 267 दवाइयों के सैंपल फेल हुए, जिनमें से 88 दवाइयों का उत्पादन हिमाचल में हुआ था। वहीं पिछले मार्च और अप्रैल में 60 दवाइयों के सैंपल फेल हुए, जिनमें से 23 दवाइयों को हिमाचल में बनाया गया था।
पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है कि प्रदेश सरकार ने इन दवाई कंपनियों को मात्र नोटिस देकर जवाब मांगा है, उनके विरुद्ध कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने इसे प्रदेश सरकार और दवाई कंपनियों की मिलीभगत बताया है। उन्होंने कहा कि दुकानों के माध्यम से ग्राहकों को यह दवाइयां नियमित बेची जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों में भी रोगियों को यही दवाइयां दी जा रही है, यह निर्धन रोगियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। अब इन खराब दवाइयों को बाजार से वापस मंगवा लेना, इन अपराधिक गतिविधि का इलाज नहीं है।
राम सिंह ने कहा कि हिमाचल में एंटीबायटिक, उल्टी, गैस्टिक और बुखार आदि की 7 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। यह आम बीमारियां हैं और इनका सेवन हर कोई करता है। इसलिए जो कंपनियां यह दवा बना रही हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उत्पादित की जा रही हर दवा के हर बैच को मानकों के अनुरूप सुनिश्चित बनाने के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए और जब यह पूर्ण रूप से हर कसौटी पर खरी उतरे तभी बाजार में वितरित करने की आज्ञा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे सैंपल फेल होने पर संबंधित कंपनियों को कड़े दंड की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि इस अपराधिक कृत्य को रोका जा सके।
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