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सचिन ओबरॉय/पांवटा साहिब। उपमंडल के भितरकुई गांव के लिए जरूरी सड़क सुविधा और पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। बहरहाल, भितरकुई गांव का दर्द मीडिया में आते ही प्रशासनिक अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। डीसी सिरमौर ललित जैन ने बीडीओ पांवटा साहिब को मामले की जांच के लिए गांव का दौरा करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद बीडीओ अभिषेक मित्तल के साथ-साथ अधिकारी गांव पहुंचे और फिर वहां के हालत का जायजा लिया।
बता दें कि शिलाई क्षेत्र के अंतर्गत भितरकुई ग्राम में कभी 35-36 खुशहाल परिवार बसते थे, जोकि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वहां से पलायन कर चुके हैं और वर्तमान समय में ग्राम में केवल 2-3 परिवार ही शेष बचे हैं। महज़ 3 दिन पहले प्रमुखता से खबर प्रकाशित व प्रसारित किए जाने के बाद जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया है। डीसी सिरमौर ने बीडीओ पांवटा की अगुवाई में करीब 1 दर्जन अधिकारियों की एक टीम बनाकर मौके पर भेजी, जिन्होंने क्षेत्र का दौरा किया। इस टीम में बीडीओ पांवटा अभिषेक मित्तल, SMS Horticulture, Surveyor Horticulture, SMS Agriculture, Surveyor Agriculture, एक्सइएन PWD Shillai, SDO PWD, स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान प्रेम सिंह, पंचायत सचिव राम सिंह, वार्ड मेंबर- अनिल अत्री, ग्राम रोज़गार सेवक, टेक्नीकल असीस्टेंट आदि शामिल थे।
इस दौरान बीडीओ पांवटा अभिषेक मित्तल ने बताया कि डीसी सिरमौर के आदेशों के बाद एक ज्वाइंट इंस्पेक्शन के लिए उन्होंने ग्राम भितरकुई का दौरा कर, वहां ग्रामीणों का दुख-दर्द जाना और संभावनाएं जांची। मौके पर पाया गया कि कोटगा ग्राम से आगे करीब 5 किमी का कच्चा रास्ता करीब 1 मीटर चौड़ा है और कई जगह उससे भी कम है और यह सारा क्षेत्र वन विभाग के अधीन आता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ग्रामवासियों के लिए सड़क और पानी की नई पाइप लाइन उपलब्ध कराने के लिए डीसी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
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