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Solan: ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा, चाइनीज सामान से किनारा- महिलाओं ने कर दिखाया कुछ ऐसा
Last Updated on July 24, 2020 by Vishal Rana
दयाराम कश्यप/ सोलन। चीनी सामान के बहिष्कार के बाद इस बार बाजारों में राखियां भी स्वदेशी ही बिक रही हैं। सोलन (Solan) में महिलाओं ने ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देते हुए घर पर बेकार पड़ी चीजों से सुंदर और आकर्षक राखियां (Rakhis) बनाई हैं। सोलन के आसपास क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह (Self help group) की महिलाओं ने इस बार अपना हुनर दिखाते हुए नए प्रकार की राखियां तैयार की हैं। जिन्हें शुक्रवार को इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल वेल्फेयर संस्था सोलन के कार्यालय में प्रदर्शित किया गया। साथ ही राखी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें जिला कार्यकारी अधिकारी बंधना चौहान ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
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इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल वेल्फेयर संस्था सोलन द्वारा आसपास के क्षेत्रों में स्थापित किए गए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने घर के ही सम्मान से राखियां बनाकर अपने हुनर का उदाहरण पेश किया है। इन महिलाओं ने जुट, कुल्लू पटी, मोली धागा, ऊन के धागे, मोती, माता की चुनरी और चीड़ के पेड़ की पत्तियों से ये राखियां निर्मित की हैं। जिला कार्यकारी अधिकारी बंधना चौहान ने भी महिलाओं द्वारा बनाई राखीयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक ओर जहा यह प्रयास महिलाओं को स्वरोज़गार से जोड़ेगा।
वहीं, महिलाएं घर पर रह कर भी अपनी आमदनी में भी बढ़ोतरी कर सकेंगी। इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल वेल्फेयर संस्था की अध्यक्ष शांति जयसवाल ने बताया कि इस राखी प्रतियोगिता में पहला स्थान सुल्तानपुर की पूजा वर्मा द्वारा चीड़ के पेड़ की पत्तियों से बनाई गई राखी है। दूसरे स्थान पर सोलन की रीटा थापा द्वारा मौली से बनी राखी रही। तीसरे स्थान पर चंचल ठाकुर द्वारा बनाई गई ऊन के धागे और मोतियों की राखी रही।
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