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तिब्बती समुदाय के नववर्ष लोसर पर्व की शुरुआत, देश की आजादी की मांगी दुआ
धर्मशाला। आज पूरा तिब्बती समुदाय (Tibetan community) तिब्बती नववर्ष लोसर पर्व मना रहा है। मैकलोडगंज और धर्मशाला (Dharamshala) में इसके खास उत्साह देखा जा रहा है। तिब्ब्ती समुदाय के लोगों ने घर पर पूजा-अर्चना के साथ नए साल की शुरुआत की। इसके साथ ही पूचा अर्चना करके परमपावन दलाईलामा (Dalai Lama) की लंबी उम्र व अपने देश की आजादी की कामना भी की। इसी के साथ.साथ दो वर्ष के बाद तिब्बती मुख्य बौद्ध मंदिर दलाईलामा सुंगलाखांग को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इस वर्ष के तिब्बती वर्ष को वाटर टाइगर वर्ष (Water Tiger Year) के रूप में भी मनाया जा रहा है।
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दीपावली की तरह मनाया जाता है तिब्बती लोसर पर्व
जिस तरह से देश में हिंदुओं का पर्व दीपावली (Diwali) को मनाया जाता है, उसी तरह से तिब्बती समुदाय के लोग लोसर पर्व को भी मनाते हैं। लोसर पर तिब्बती अपने घरों की साफ.सफाई करते हैं और घरों में रंग रोगन भी करते हैं। इसके अलावा अपने घरों में आकर्षक लाइटों से भी सजाते हैं। अपने घरों में पूजा-अर्चना करते हैं। एक.दूसरे के घरों में जाकर उन्हें उपहार भी भेंट करते हैं। बाजारों में भी लोसर की धमक रहती है और तिब्बती लोसर (Losar) के लिए जमकर खरीददारी करते हैं।
HHDL’s Greetings for the Tibetan New Year (Losar) on March 3, 2022.https://t.co/f9K0fAxI9L
— Dalai Lama (@DalaiLama) March 2, 2022
लोसर पर यह भी है विशेष परंपरा
लोसर पर्व पर एक विशेष परंपरा यह भी है कि तिब्बती समुदाय के लोग कोरा वाक व विशेष पूजा करते हैं। इस बार की कोरा वॉक व विशेष पूजा पांच मार्च को सुबह साढ़े सात बजे शुरू हो रही है। इस धार्मिक यात्रा कोरा वॉक व पूजा में तिब्बती समुदाय के लोग दलाईलामा के मंदिर (Temple) की परिक्रमा करेंगे। तिब्बती सुबह साढ़े सात बजे इस धार्मिक यात्रा को कर दलाईलामा मंदिर की परिक्रमा करते हैं। इसे कोरा वाक कहते हैं। कोरा वाक के साथ लाहगेयरी में यह विशेष पूजा होगी। मैक्लोडगंज में नागनी माता मंदिर के दरवाजे से दाएं तरफ को पाथ बना है उससे कुछ आगे जाकर यह लाहगेयरी स्थल है। यहां पर कोरा मंदिर में पूजा होगी प कोरा वाक होगी।