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मूलरूप से चीन का एक फल है जिसे अब दुनिया के अनेक हिस्सों में उगाया और खाया जाता है। यह रस से भरा हुआ और स्वाद में मीठा होता है। आड़ू में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मिनरल्स और फाइबर होने के साथ ही अनेकों स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह देखने में तो बड़ा और ठोस होता है लेकिन इससे बहुत ही कम कैलोरी मिलती है। एक बड़े साइज़ के आड़ू से आपको सिर्फ 68 कैलोरी ही मिलता है। इसलिये अगर आप इसे नाश्ते में लेते हैं तो यह आपके पेट को भरा हुआ रखेगा जिससे आप लंच से पहले आप अनहेल्दी चीजें खाने से भी बच जाएंगे।
आड़ू के छिलके का गाढ़ा लाल और पीला रंग इसमें मौजूद पोलीफेनोल नामक यौगिक के कारण होता है जो कि एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह आपके शरीर की कोशिकाओं को फ्री ऑक्सीजन रैडिकल्स के नुकसान से बचाने में सहायक है। इसलिये इस फल को छिलके के साथ ही खायें। आड़ू में विटामिन सी भी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो की एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। एक बड़े साइज़ के आड़ू से आपको आपके शरीर के लिये ज़रूरी 19 फीसदी विटामिन सी की मात्रा आसानी से मिल जाएगी। यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
पीच में अधिक मात्रा में पाया जाने वाला पोटैशियम, किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है। यह आपके यूरिनरी ब्लैडर के लिये एक क्लेजिंग एजेंट की तरह काम करता है, जिससे यह हमें किडनी से जुड़ी बीमारियों से दूर रखता है। यह किडनी में होने वाले स्टोन को भी दूर करने में सहायक है। अगर आंखों को स्वस्थ और उनकी विजन पॉवर अच्छा रखना चाहते हैं तो आपको यह फल ज़रूर खाना चाहिये। आड़ू में बीटा कैरोटीन नामक यौगिक पाया जाता है, जो शरीर में विटामिन ए के बनने के लिये ज़रूरी है। विटामिन ए रेटिना को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है। बीटा कैरोटीन रतौंधी जैसी बीमारियों से भी बचाता है।
फाइबर से भरपूर सारे फल आपके पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करते हैं, आड़ू भी उनमें से एक है। इसमें पाये जाने वाले अधिक फाइबर के कारण, आडू आपके पेट और लीवर से टॉक्सिंन को हटाने में मदद करता है। आड़ू में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट आपको कैंसर से तो बचाते ही हैं वहीं कुछ अध्ययनों में यह बात पता चली है कि ये कीमोथेरेपी के साइड इफ़ेक्ट से बचने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। आड़ू में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाये जाते हैं जो आपके दिल और सर्कुलेटरी सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करते है। विटामिन के जहां ब्लड क्लोटिंग को रोकने में मदद करता है वहीं इससे मिलने वाला आयरन, एनीमिया की रोकथाम में मदद करता है। लायकोपीन और लुटेइन जैसे यौगिक दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं।
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