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#HP_Protest: श्रम कानूनों के विरोध में प्रदेश भर में गरजा भारतीय मजदूर संघ, ज्ञापन सौंप दी यह चेतावनी
धर्मशाला। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए श्रम कानून के विरोध में आज प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh) ने धरना प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। इस दौरान मजदूर संघ ने ज्ञापन सौंप कर्मचारी विरोधी श्रम कानूनों को वापस लेने की मांग उठाई। इस दौरान मजदूर संगठनों ने शहरों में रैलियां निकाली और केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसी कड़ी में बुधवार को धर्मशाला में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन राणा के नेतृत्व में धरन प्रदर्शन (Protest) किया गया। इस दौरान डीसी कांगड़ा (DC Kangra) के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेज कर मांग उठाई गई कि कर्मचारी विरोधी श्रम कानूनों को वापस लिया जाए। ज्ञापन के माध्यम से यह भी मांग उठाई गई के आशा वर्कर्स व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। उन्होंने चेताया है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो केंद्रीय भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा।
मंडी में दी चेतावनी, मांगे मानों नहीं तो देश्व्यापी होगा आंदोलन
मंडी। भारतीय मजदूर संघ ने मंडी में भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। मंडी (Mandi) शहर में बीएमएस के बैनर तले अन्य मजदूर संगठनों ने इक्ट्ठा होकर श्रम कानूनों में बदलाव के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश प्रभारी अशोक पराशर ने कहा कि केंद्र सरकार (central government) की मजदूर विरोधी नितियों खिलाफ आज काला दिवस मनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने वर्षों से श्रमिकों के हितों में बनाया कानूनों को समाप्त कर दिया है। जिसके बदले में मात्र चार नए कानून बना दिए गए हैं जो बिल्कुल भी मजदूरों के हितों में नहीं है। अशोक पराशर ने कहा कि यदि मांगे नहीं मानी गई तो आने वाले समय में मजदूर विरोधी कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
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हमीरपुर के गांधी चौक पर गरजा मजदूर संघ
हमीरपुर। जिला हमीरपुर (Hamirpur) के गांधी चौक पर भारतीय मजदूर संघ ने श्रम कानूनों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों के द्वारा मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ चेतावनी दिवस मनाया गया। मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष तिलक राज, महामंत्री प्रदीप सिंह की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने श्रम कानूनों (Labor laws) को जल्द वापिस लेने की मांग की। भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष तिलज राज ने कहा कि केंद्र के साथ बर्चुअल बैठक में हुई बैठक में ही निर्णय लिया गया था कि 28 अक्तूबर को चेतावनी दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूरों के लिए लागू श्रम कानून हित कारी नहीं है और इसे वापिस करने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों में केन्द्र सरकार ने छेड़छाड़ करते हुए बदलाव किया है जो कि सहन नहीं किया जाएगा।
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