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नई दिल्ली। दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों के साथ रविवार को हुई हिंसा (JNU violence) को लेकर दिल्ली पुलिस ने बड़ा हैरान करने वाला खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि बहुत सारे छात्र पढ़ना चाहते हैं, लेकिन चार ग्रुप के छात्र उन्हें रजिस्ट्रेशन नहीं कराने दे रहे हैं। स्टाफ के साथ भी धक्का मुक्की कर रहे हैं। सर्वर को बंद कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि जेएनयू मामले में कुछ गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं। इसलिए हम इस मामले की कुछ जानकारियां शेयर कर रहे हैं।
चार छात्र संगठनों ने सर्वर के साथ छेड़छाड़ की और स्टॉफ को पीटा
उन्होंने कहा कि ज्यादतर छात्रों का कहना था कि उनको रजिस्ट्रेशन करने से रोका जाता था और धमकाया जाता है। तीन जनवरी को चार छात्र संगठनों ने सर्वर के साथ छेड़छाड़ की और स्टॉफ के साथ मारपीट भी की। इस मामले में तीन एफआईआर भी दर्ज हुई थी। पुलिस द्वारा बताया गया कि चार जनवरी को दोबारा से छात्र संगठनों ने दोबारा से सर्वर रूम में गए लेकिन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन काफी तैयार था। छात्रों ने फिर धक्का मुक्की करके सर्वर रूम में तोड़फोड़ की। पांच जनवरी को कुछ रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते थे लेकिन लेफ्ट के कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया। इसके बाद परियर होस्टल के बाहर छात्रों में झड़प हुई।
Delhi Police releases images of the suspects of jnu voilence pic.twitter.com/SF2RN9eSpJ
— Himachal Abhi Abhi (@himachal_abhi) January 10, 2020
5 बजे ग्रुप बनाया और 7 बजे सब इक्ट्ठा हो गए
पुलिस ने बताया कि सबरमती होस्टल के बाहर पीस मीटिंग हो रही थी कि आचनक से एक ग्रुप आया और उनके मुंह पर मफलर थे। उन्होंने सबरमती होस्टल में घुसकर कमरों में तोड़फोड़ की और छात्रों के साथ मारपीट भी की। डीसीपी ने कहा कि तोड़फोड़ करने वालों को पता था कि कहां जाना है और किस कमरे को निशाना बनाना है। उन्होंने कहा कि बाहर का कोई शख्स इतनी आसानी से इतनी तोड़फोड़ नहीं की जा सकती है। हमें कुछ व्हाट्सएप ग्रुप भी मिले हैं जो इस मकसद से ही बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक ग्रुप तो साढ़े पांच बजे बनाया गया जिसके बाद सात बजे सब इक्ट्ठा किया है।
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