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नई दिल्ली। आर्थिक मंदी पर केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। हाल ही में जीडीपी के आंकड़ों आने के बाद सवाल उठने लगे हैं, हालांकि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार ने कई उपायों की घोषणा भी की है। इन सब के बीच बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने एक अजब बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचाकर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीज उतार रहे हैं।
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार……. pic.twitter.com/6pu1xkqzWP
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 1, 2019
मोदी ने आगे लिखा है कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं। इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है। जाहिर है कि मंदी के चलते विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है। इस वितवर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.8 फीसदी से कम हो कर पांच फीसदी रह गई है। इस से पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था की हालत पर चिता जताई थी और सरकार से अनुरोध किया था कि बदले की राजनीति को छोड़ मानव सचित संकट से बाहर निकलने के लिए सोचसमझ वाले लोगों से संपर्क करें।
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