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शिमला। Govt और कांग्रेस में जारी उठा पटक को शांत करने के लिए CM वीरभद्र सिंह ने अपना अंतिम बजट दिया है। बेरोजगारी भत्ते पर बोलते हुए BJP विधायक ने कांग्रेस Govt को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2012 में जो धोखा प्रदेश के 12 लाख बेरोजगारों से किया था, वहीं धोखा 2017 में कर दिया। 2012 में कहा था हर बेरोजगार को 1000 रुपए या 1500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देंगे। उन्होंने कहा कि इस हिसाब से एक बेरोजगार का भत्ता 60,000 रुपए बनता है। जबकि प्रदेश में 12 लाख के करीब बेराजगार हैं।
अगर इन सभी का आंकड़ा जोड़ लिया जाए तो यह 7200 करोड़ रुपए बनता है। ऐसे में 150 करोड़ का प्रावधान करना बेरोजगारों के साथ सीधा मजाक है। डॉ बिन्दल ने कहा कि अब वीरभद्र Govt का जाने का वक्त आ गया है और जाते-जाते बजट में 150 करोड़ का प्रावधान करके बेरोजगारों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया गया है। डॉ बिन्दल ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सरकार में चली रस्साकस्सी के मध्य दोबारा से बेरोजगारों को हलाल किया गया है। किसानों के नाम पर चलाई गई योजनाओं में 2 करोड़ रुपए से 10 करोड़ का प्रावधान है। ऐसा ही बागवानों के लिए चलाई गई योजनाओं में 1 करोड़ 50 लाख से 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है, वह भी पुरानी योजनाएं है। खेत सुरक्षा योजना में गत वर्ष से आज तक एक भी व्यक्ति लाभन्वित नहीं हुआ है और इस बार फिर वही राग अलापा गया है।
बिन्दल ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि बंदरों के लिए पिंजरा बनाने की बात 2008 में हुई थी, लेकिन फेल हो गई, उस समय कांग्रेस ने उसका भारी विरोध किया अब उसी को फिर से उठाया गया है। BJP विधायक ने कहा कि पार्ट टाईम वर्कर, आऊट सोर्सिंग वर्कर, एसएमसी अध्यापक, पीटीए, एमटीए अध्यापक, सोसायटियों के माध्यम् से लगे कर्मवचारी सभी अपने-अपने लिए पॉलिसी का इन्तजार कर रहे थे, लेकिन कोई भी पॉलिसी नहीं बनाई गई। आरक्षण रोस्टर प्रणाली को पूरी तरह समाप्त किया गया है उसके संबंध में बजट में कुछ नहीं कहा गया है। यह बजट चुनावी बजट होने के बावजूद चुनावी चमक से रहित बजट है। डॉ बिन्दल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दी गई समस्त योजनाओं एवं राशियों को हिमाचल प्रदेश के बजट में दिखा कर प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश में बनने वाला सुपर स्पेस्शलिटी सेंटर, प्रदेश में बनने वाले मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, ट्रामा सेंटर, बर्न सेंटर, का जिक्र जो कि पूरी तरह केन्द्र प्रायोजित है। इसी प्रकार आईआईएम, सर्व शिक्षा अभियान, नेशनल हाईवे, फोरलेन सड़कों का समस्त पैसा केन्द्र सरकार से आना है, जिस पर प्रदेश सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई है। कांग्रेस सरकार का यह आखिरी बजट साबित होगा।
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