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Recruitments : शिमला। पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान सहकारी बैंकों की भर्तियां भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे बन गए हैं। कांग्रेस राज के दौरान सहकारी बैंकों में एक भी परीक्षा ऐसी नहीं हुई है जिसमें धांधली, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोप न लगे हों। यह बात पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने संयुक्त वक्तव्य में कही। उन्होंने मंडी कॉलेज में कांगड़ा केंद्रीय बैंक की लिखित परीक्षा में सेंकड़ों परिक्षार्थियों को पेपर शीट्स न होने की वजह से परीक्षा में न बिठाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
बीजेपी नेताओं ने कहा कि सहकारी बैंक की परीक्षा के दौरान केवल एक सेंटर पर पेपर शीट्स न मिलने का मामला नहीं है बल्कि कई अन्य तरह की गड़बड़ियों के समाचार प्रदेशभर से मिल रहे हैं। भारी भरकम फीस के बावजूद अभ्यर्थियों को बुकलेट नहीं दी गई जो अपने आप में ही धांधली का सबसे बड़ा सबूत है। पूर्व में भी इस तरह की धांधलियों को अंजाम देकर सीएम कार्यालय और क्षेत्र विशेष के लोगों को बैकडोर से भर्ती करने के आरोप सरकार पर लगते रहे हैं जिसका कभी भी सरकार ने स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बीजेपी नेताओं ने कहा कि देशभर में आईबीपीएस बैंक परीक्षाओं के लिए एक अधिकृत संस्था है। पूर्व बीजेपी सरकार के दौरान इसी केंद्रीय संस्था द्वारा प्रदेश में भी बैंक परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती रही हैं और उस दौरान सरकार पर एक भी इस तरह का आरोप कोई नहीं लगा पाया, परंतु कांग्रेस सरकार ने आते ही उपरोक्त संस्था से परीक्षा आयोजित करवाना बंद करवा दिया और स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इन परीक्षाओं को आयोजित करना शुरू कर दिया, यह सरकार की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है। क्योंकि स्कूल शिक्षा बोर्ड इस तरह की परीक्षाएं आयोजित करवाने में सक्षम भी नहीं था। इसका एक मात्र कारण अपने चहेतों को बैकों में भर्ती करना था। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सहकारी बैंक में हुई इस परीक्षा को तुरंत रद कर नई परीक्षा आईबीपीएस द्वारा करवाई जानी चाहिए, ताकि योग्य अभ्यर्थियों को अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिल सके।
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