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धर्मशाला। प्रदेश की कांग्रेस सरकार लूटपाट और विश्वासघात की सरकार बनकर रह गई है। इस लूट और विश्वासघात का ताजा उदाहरण चिंतपूर्णी का बस स्टैंड है। यह आरोप बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हिमांशु मिश्रा, सह मीडिया प्रभारी राकेश शर्मा, संजीव शर्मा पंचायती प्रकोष्ठ क़े प्रदेशाध्यक्ष और रजनीश रंजू मीडिया सहयोगी ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए।
उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने चिंतपूर्णी बस स्टैंड को MRC ग्रुप को 33 वर्षों के लिए लीज पर दे दिया है। इससे सरकार को हर साल 56 लाख रुपए मिलेंगे। इससे पहले जब यह अड्डा प्रदेश सरकार चलाती थी तो सरकार को हर साल एक करोड़ 25 लाख रुपए आय होती थी। यानि अब सरकार को हर साल 69 लाख रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा। अगर 33 वर्षों की बात की जाए तो सरकार को 22 करोड़ रुपए का घाटा होगा। अब सरकार जवाब दे कि ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए इतना घाटा उठाने जा रही है। हिमांशु मिश्रा का कहना है कि चिंतपूर्णी बस स्टैंड करीब 26 कनाल भूमि पर बना है। यह भूमि तीन लोगों ने सरकार को गिफ्ट के रूप में एक एग्रीमेंट के रूप में दी थी।
इस एग्रीमेंट में साफ़ लिखा है कि यह जमीन सिर्फ बस स्टैंड बनाने के लिए दान दी गई है किसी अन्य तरह के निर्माण के चलते यह एग्रीमेंट रद समझा जाएगा। अब बस स्टैंड पर MRC ग्रुप मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने जा रहा है। ऐसे में क्या यह भूमि दान करने वालों के साथ धोखा नहीं है। मिश्रा ने कहा कि पहले इस बस स्टैंड में कार पार्किंग के लिए 30 रुपए और कॉमर्शियल बसों के 100 रुपए वसूले जाते थे। अब ग्रुप द्वारा कार शुल्क 100 रुपए और बस पार्किंग शुल्क 250 रुपए वसूला जा रहा है। वहीं जो पर्ची द्वारा दी जा रही है उसमें सरकार और परिवहन विभाग के नाम के साथ ग्रुप का लोगो भी लगाया जा रहा है। यह क्या गोलमाल है सरकार इसका भी खुलासा करें।
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