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सचिन ओबरॉय/पांवटा साहिब। जिला सिरमौर के पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र में आर्दश चुनाव आचार संहिता की जम कर धज्जियां उड़ाई जा रही है। चुनाव आयोग के आदेशों और प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद हाईवे के किनारे लगे चुनावी बोर्ड व होर्डिंग हटाए नहीं जा रहे हैं। दर्जनों स्थानों पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग चुनाव आयोग, स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे हैं। बहरहाल, चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन नेताओं की मनमानी खत्म नहीं हुई है। नियम कानूनों को ताक पर रख कर, जहां तहां चुनाव प्रचार के लिए होर्डिंग लगाए गए थे। चुनावों तक तो बात ठीक थी, लेकिन चुनावों के बाद भी नियमों की धज्जिया उड़ाना और चुनाव आयोग का उसपर चुप्पी साध लेना किसी की समझ में नहीं आता।
पांवटा साहिब की एंट्री से लेकर हर चौक पर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं। जो वाहन चालकों का ध्यान भटका सकते हैं और दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। यह न सिर्फ हाईवे अथॉरिटी के निर्देशों, बल्कि चुनाव आचार संहिता का भी उल्लघंन है। ऐसा भी नहीं है कि स्थानीय प्रशासन के संज्ञान में यह बात नहीं है। पांवटा के पीओ व एसडीएम एचएस राणा ने इन राजनेताओं को बोर्ड एवं होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सख्ती न होने की वजह से निर्देशों पर अमल नहीं हो रहा है। पांवटा चुनाव अधिकारी/Returning officer एवं एसडीएम एचएस राणा ने इस विषय में बताया कि पार्टियों को इस बारे पहले ही निर्देश जारी किए थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड एवं होर्डिंग हटाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को फिर निर्देश दिए जाएंगे।
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