-
Advertisement
कांग्रेस के दबदबे वाली पालमपुर सीट पर बीजेपी की है टेढ़ी निगाहें
पालमपुर हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत शहर,पहचान के लिए शांता कुमार (Shanta Kumar) बडा नाम। हिमाचल प्रदेश के दो मर्तबा बीजेपी कोटे से सीएम रहे,अलग बात है कि कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। बड़े नेता कहे जाते रहे हैं,अब राजनीति से रिटायर जैसी जिंदगी जी रहे हैं। पालमपुर में शांता के साथ-साथ टी-गार्डन (Tea Garden) यानी चाय बागान भी यहां की पहचान हैं। वर्तमान में कांगड़ा जिला की इस पालमपुर (Palampur in Kangra District) नाम से विधानसभा सीट पर कांग्रेस काबिज है। विधानसभा चुनाव फिर से सिर पर हैं।
यह भी पढ़ें- बिलासपुर को लेकर नड्डा पर है दबाव-नैना देवी सीट अंतर्कलह की है शिकार
पालमपुर विधानसभा सीट पर अधिकतर समय के लिए कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। इस सीट पर बीजेपी तीन बार ही चुनाव में जीत हासिल कर सकी है। वर्ष 2017 चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के आशीष बुटेल (Ashish Butail of Congress) विधायक चुने गए थे। आशीष बुटेल ने (Indu Goswami of BJP) बीजेपी की इंदु गोस्वामी को 4,324 वोटों से हराया था। वहीं इसके पहले 2012 में भी कांग्रेस के बृज बिहारी लाल बुटेल (Brij Bihari Lal Butail) ने जीत हासिल की थी। बृज बिहारी लाल बुटेल इस सीट पर पांच बार विधायक चुने जाते रहे हैं। ऐसे में इस बार बीजेपी इस सीट को किसी तरह भी कांग्रेस से छीनना चाहती है।
पालमपुर सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो, यहां पर सबसे ज्यादा(Brahmins) ब्राह्मण, राजपूत और पिछड़ा वर्ग के वोटर्स शामिल हैं। इस सीट पर पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर ही है। इस सीट पर सबसे बड़ा मुद्दा पार्किंग सुविधा नहीं होना है। पार्किंग नहीं होने के कारण यहां लोगों को काफी परेशानी होती है। जनता का कहना है कि सरकार कोई भी बने, लेकिन इस समस्या पर किसी से समाधान नहीं निकाला। वहीं कई जगहों पर सड़क सुविधा भी बेहतर नहीं है, ऐसे में लोगों को सफर के दौरान भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खैर इस मर्तबा बीजेपी यहां क्या कर पाती है,ये देखने वाली बात होगी।