-
Advertisement
बांध प्रबंधनों पर अब तक आपराधिक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई -बीजेपी के संजय ने पूछा
हिमाचल बीजेपी के सह मीडिया प्रभारी संजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्थापित कुल 23 बांधों में से 21 ने सुरक्षा मानदंडों की पालना नहीं की और बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़कर प्रदेश की जनता की जान और माल को संकट में डाला है। लेकिन इतने दिनों बाद भी राज्य सरकार( State Government) ने ऐसे दोषी हाईड्रो कंपनीयों के प्रबंधकों के खिलाफ अपराधिक एफआईआर ( FIR)दर्ज नहीं की है। इसके क्या कारण हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में मैन मेड डिजास्टर फैलाने में ऐसे बांध प्रबंधकों के साथ-साथ संबंधित जिला प्रशासन भी दोषी है। जिन जिलों में बांध प्रबंधकों द्वारा यह कोताही बरती गई है वहां से डीसी के खिलाफ भी कारर्वाई होनी चाहिए। क्योंकि डीसी द्वारा समय रहते इस पर ध्यान न देने के कारण एक हजार से ज्यादा लोग कांगड़ा जिला के मंड क्षेत्र में अपनी जान गवां सकते थे।
सरकार की कथनी और करनी में फर्क
संजय शर्मा ने कहा कि इन दिनों सभी हाईड्रो कंपनियों ( Hydro companies) के प्रबंधन मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष में चैक दे रहे हैं, क्या यही कारण है कि उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि मुख्य सचिव ने दो सप्ताह पहले सभी दोषी 21 बांध प्रबंधनों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने और बिना मानदंडों के पानी छोड़ने से हुए नुकसान के आकलन की बात कही थी। आखिर क्यों अब तक इन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी ने कहा कि राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अभी तक किसी भी बांध प्रबंधन को नोटिस तक भी जारी नहीं किया है। जबकि भारी आपदा के बीच राज्य के 21 बांधों से छोड़े गए पानी से पूरे राज्य में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। क्या सरकार की कथनी और करनी में इतना फर्क है कि मुख्य सचिव ने जो बोला उस पर कोई अनुसरण नहीं हो रहा है।