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resignation: शिमला। नगर निगम शिमला के चुनावों को टालने पर राजधानी शिमला में सियासत पूरी उफान पर है। निगम के चुनावों में वोटर लिस्ट के बहाने टाले गए चुनावों पर बीजेपी के सभी बारह पार्षदों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और पांच जून को निगम के चुनाव न करवाने की स्थिति में सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है।
दरअसल पांच जून को मौजूदा नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जिसमें बीजेपी के सबसे ज्यादा बारह पार्षद हैं, जिस तरह से चुनावों का टाला गया है बीजेपी ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार एवं चुनाव आयोग के पर हल्ला बोला जा रहा है। बीजेपी के सभी पार्षदों ने पांच जून को अपने इस्तीफे की बात कही है। बीजेपी पार्षदों का कहना है कि हार के डर से निगम के चुनावों को टालना लोकतंत्र की हत्या है, जिसमें की वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर भी सरकार से मिले हुए हैं।
बीजेपी इसका विरोध करती है, क्योंकि मतदाता सूचियों में गड़बड़ियों के लिए जिला प्रसाशन एवं राज्य निर्वाचन आयोग जिम्मेवार है, जिसका खामियाजा शिमला की जनता क्यों भुगते। बीजेपी पार्षदों का कहना है कि इस अलोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ शिमला के मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा। उधर, कांग्रेस महासचिव नरेश चौहान ने भी माना कि मतदाता सूचियों में कुछ खामियां हैं, जिनको समय रहते दूर किया जाना चाहिए था, जिस पर राज्य निर्वाचन आयोग की कहीं न कहीं चुक रही है, लेकिन अब उनको दूर किया जाना जरूरी है, ताकि कोई भी मतदाता मत के अधिकार से वंचित न रह सके।
उन्होंने बीजेपी के आरोपों को सिरे से नकारते हुए इस पर बेवजह राजनीति करने का आरोप लगाया है। उधर नगर निगम चुनाव टाले जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। बीजेपी ने नगर निगम चुनाव को टालने को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की है। शिमला के युवा वोटर बीजेपी के राजू ठाकुर ने नगर निगम चुनावों को टालने को लेकर एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर की है। एमसी की धारा 243 के तहत चुनावों को एक दिन भी नहीं टाला जा सकता, जिसकी सुनवाई 26 मई को रखी गई है।
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