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नई दिल्ली। सार्वजनिक मंचों पर अपनी ही सरकार की नीतियों की खुले दिल से सराहना और आलोचना करने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ भड़क उठे। स्वामी ने महत्वपूर्ण टैक्स रिफॉर्म माने जा रहे गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन करार देते हुए कहा कि आप निवेशकों को आयकर और जीएसटी, जो कि 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन है, इसके जरिए आतंकित मत कीजिए। स्वामी के अनुसार जीएसटी (GST) इतना जटिल है कि कोई भी यह नहीं समझ पा रहा है कि कहां कौन सा फार्म भरना है और वे चाहते हैं कि इसे कंप्यूटर पर अपलोड किया जाए।
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी का यह बयान इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समय में आया है जब सरकार जीएसटी कलेक्शन को लेकर जूझ रही है। उन्होंने कहा कि देश को 2030 तक ‘महाशक्ति’ बनने के लिये सालाना 10 फीसदी की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ना होगा। स्वामी ने पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव (late PV Narasimha Rao) को उनके कार्यकाल में किए गए सुधारों के लिए देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) दिए जाने की भी मांग उठाई। स्वामी ने कहा कि समय समय पर हालांकि, देश ने 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है लेकिन कांग्रेस नेता द्वारा आगे बढ़ाए गए सुधारों में आगे कोई बेहतरी नहीं दिखाई दी। प्रज्ञा भारती द्वारा ‘भारत- वर्ष 2030 तक एक आर्थिक महाशक्ति’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि ऐसे में हम उस 3.7 प्रतिशत (निवेश इस्तेमाल के लिए जरूरी दक्षता कारक) को कैसे हासिल करेंगे। इसके लिए एक तो (हमें जरूरत है) भ्रष्टाचार से लड़ने की और दूसरे निवेश करने वालों को पुरस्कृत करने की जरूरत है।
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