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आढ़तियों के लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी पर बीजेपी ने सरकार को घेरा
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सेब की सियासत (Apple Politics) के बीच बागवान फंस गए हैं। सरकार और आढ़तियों के बीच सेब खरीद का विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है। सरकार ने वजन के हिसाब से सेब खरीद के नियम को नहीं मानने वाले आढ़तियों के लाइसेंस रद्द (Licence Cancel) करने की चेतावनी के खिलाफ अब बीजेपी ने सरकार को घेरा है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता बलबीर वर्मा ने सोमवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि सुक्खू सरकार बिना किसी तैयारी के आढ़तियों और बागवानों (Apple Growers in Himachal) को परेशान करने के लिए नए फरमान जारी कर रही है।
तानाशाही कर रहे हैं बागवानी मंत्री
चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि मंडियों में आढ़तियों व सरकार के बीच संघर्ष से बागवान परेशान हैं। छोटे बागवानों को इससे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बागवानी मंत्री (Horticulture Minister) अब तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। आढ़तियों के लाइसेंस रद्द करने व बाहर से आढ़ती बुलाने की बात कर रहे हैं, जबकि पहले यूनिवर्सल कार्टन और जगह की व्यवस्था की जानी चाहिए थी।
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वजन से बिके सेब, इससे बागवानों का फायदा
उन्होंने कहा कि सेब किलो के हिसाब से बिकना चाहिए। बागवानों को इसका फायदा है, लेकिन पहले इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए थी। कांग्रेस ने सेब के दाम बागवानों द्वारा तय करने की गारंटी दी थी, जो पूरी नहीं हुई है। बागवानों का अरबों रुपया फंसा हुआ है। अब पुलिस और एसडीएम जाकर सीधा बोल रहे हैं कि अगर इस प्रकार से सेब नहीं बिका तो आढ़तियो के लाइसेंस रद्द कर दिया जाएंगे। एचपीएमसी के पास सेब खरीदने का प्रावधान ही नहीं है तो वह सेब कैसे खरीदेंगे। इस सारी असमंजस की स्थिति का फर्क हिमाचल के बागवान के ऊपर पड़ रहा है। हिमाचल का बागवान अपने सेब तोड़ नहीं रहा है।