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गफूर खान/कांगड़ा। नेता विपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कांग्रेस सरकार से एक राजधानी तो संभलती नहीं दूसरी कैसे संभालेंगे। जब शिमला में पीलिया फैलता है तो सीएम वीरभद्र सिंह कांगड़ा पहुंच जाते हैं, जब शिमला में बर्फबारी होती है तो सीएम कांगड़ा प्रवास पर आ जाते हैं। अब प्रदेश की जनता तय करे कि धर्मशाला को भी वैसी ही राजधानी बनाना है जैसी शिमला बन चुकी है।
धूमल ने कहा कि कांग्रेस अंतर्कलह की शिकार है। सरकार के मंत्री मंच पर सीट नहीं मिलने का रोना रो रहे हैं। कैबिनेट में मंत्री एक-दूसरे से लड़ते हैं और एक-दूसरे के विभागों में अधिक भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाते हैं, सीएम भी उन मंत्रियों को समझाकर चुप करवा देते हैं। सीएम ने कभी भ्रष्टाचार की जांच के आदेश नहीं दिए। बल्कि वो तो उन्हें यह कहते हैं कि खाओ और खाने दें। धूमल बीजेपी के त्रिदेव सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन कांगडा से कुछ दूरी पर स्थित चम्बी में किया गया था।
शांता ने दूसरी राजधानी पर जताया संशय
सांसद शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। सीएम भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, वो खुद की पैरवी करने में लगे हुए हैं जनता की पैरवी कौन करेगा। शांता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार और घोषणाएं करने का रिकॉर्ड बना दिया है। सीएम ने धर्मशाला को राजधानी बनाने की घोषणा कर दी है लेकिन यह कब राजधानी बनेगी इस पर संशय है। विकास का बीजेपी स्वागत करती है लेकिन महज घोषणाएं करके विकास के नाम पर मजाक बीजेपी सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि धर्मशाला को स्मार्ट सिटी का दर्जा बीजेपी की केंद्र सरकार ने दिया वहां तो अभी तक कुछ नहीं हुआ अब दूसरी राजधानी कब और कैसे बनेगी यह बड़ा मुद्दा है।
शांता ने कहा कि सीएम जिस तरह से घोषणाएं कर रहे हैं वे हैरान करने वाला है। जिस तरह उन्होंने धर्मशाला को राजधानी घोषित किया है उसी तरह वह कल को मंडी को भी प्रदेश की तीसरी राजधानी बंनाने की घोषणा भी कर सकते हैं। ऐसा संभव है क्योंकि घोषणा ही तो करनी है तो उसमें क्या जाता है। शांता ने चम्बा में सीमेंट उद्योग लगाने की मांग वित्त मंत्री अरुण जेटली से की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि बीजेपी पहले कभी इतनी अच्छी हालत में नहीं थी और कांग्रेस की कभी इतनी बुरी हालत नहीं थी। इसलिए इससे अच्छा मौका प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने का नहीं मिलेगा।
4 फीसदी अंतर को बढ़त में बदले कार्यकर्ता
पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने सम्मेलन में कहा कि बीजेपी की चार्जशीट को सीएम वीरभद्र सिंह रद्दी की टोकरी में फेंकने की बात करते हैं, इसलिए अब समय आ गया है कि कांग्रेस की सरकार को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाए। प्रदेश में जो पार्टी 42 प्रतिशत मत हासिल करती वो जीतती है और जो 38 प्रतिशत मत हासिल करती है वो विपक्ष में होती है। बीजेपी के त्रिदेव और कार्यकर्ता इस 4 प्रतिशत के अंतर को बढ़त में बदलने का प्रयास करेंए ताकि बीजेपी की प्रदेश में 5वीं बार सरकार बन सके।
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