-
Advertisement
नालागढ़ सीट: एक अनार, सौ बीमार, केएल ठाकुर और राणा की लड़ाई आरपार
नालागढ़। इस बार चुनावी दंगल (Election Riots) आसान नहीं है। यही कारण है कि चुनावों की तिथि (Date of Elections) तो घोषित हो गई मगर फाइनल नहीं हो पा रहे हैं तो चुनाव लड़ने वाले प्र्रत्याशियों के नाम। कहीं दुविधा, कहीं डर, तो कहीं दोस्ती, तो कहीं वादा यही दुविधाएं हैं जो एक निर्णय नहीं लेने दे पा रही हैं। बीजेपी सोलन (Solan) जिला में तीन सीटों पर निर्णय नहीं ले पा रही है। यहां बीजेपी की उलझन लगातार बढ़ रही है। माथापच्ची भी खूब हो रही है मगर निर्णय नहीं लिया जा रहा है। नालागढ़ सीट (Nalagarh seat) में से एक निर्वतमान विधायक लखविंदर सिंह राणा (Lakhwinder Singh Rana) हैं जो हाल ही में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। वैसे यहां देखा जाए तो यहां की स्थिति एक अनार, सौ बीमार वाली हो रही है। यहां पर पूर्व विधायक केएल ठाकुर (KL Thakur) और लखविंदर सिंह राणा के बीच आरपार की लड़ाई है। अब यदि केएल ठाकुर की बात करें तो वह पूरी तरह से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें:परिवार नहीं मंडी सदर के लिए लिया बीजेपी में रहने का फैसलाः बोले अनिल
वह पहले से ही बीजेपी (BJP) टिकट के दावेदार थे। मगर राणा की बीजेपी में एंट्री ने सारी स्थिति को ही बदल दिया। राणा की बीजेपी में एंट्री ही एक ऐसा मैसेज था कि वह बीजेपी में टिकट मिलने की शर्त में ही आए हैं। हालांकि बाद में बीजेपी ने यह साफ कर दिया कि बीजेपी में जो भी आए हैं वह बिना शर्त आए हैं। रही टिकट की बात तो टिकट सर्वे के आधार पर (Based on Survey) ही दिया जाएगा। वहीं जानकारी मिली है कि सर्वे में यहां बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए ही बाद में लखविंदर सिंह राणा को बीजेपी ज्वाइन करवाई गई। बीजेपी ने ऐसी ही सीटों की तोड़फोड़ की है, जहां दूसरी पार्टी की स्थिति मजबूत है। इसी तर्ज पर कांगड़ा में पवन काजल को बीजेपी में एंट्री दिलवाई गई।
वहीं लखविंदर राणा और केएल ठाकुर पिछले दो विधानसभा चुनावों में आमने-सामने रहे हैं। वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में दोनों का पहली बार सामना हुआ था। उस दौरान बीजेपी की टिकट पर केएल ठाकुर ने लखविंदर राणा को कांग्रेस की टिकट पर हरा दिया था। वहीं वर्ष 2017 में फिर दोनों एक-दूसरे के आमने-सामने हुए। इस बार बाजी कांग्रेस की टिकट पर राणा ने मार ली। वर्ष 2022 में चुनाव से पहले राणा भाजपा में आ गए तो अब ठाकुर से टिकट का मुकाबला है। यदि इस बार केएल ठाकुर को टिकट नहीं मिलती है तो उनके राजनीतिक करियर (Political Career) पर विराम लग सकता है। ऐसे में वे किसी भी स्थिति में चुनावी समर में उतरने का मन बनाए हुए हैं। कांग्रेस यहां से बावा हरदीप सिंह को उतारने की तैयारी में है, जो 2017 में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group