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शिमला। राज्य में चल रही साहसिक पर्यटन गतिविधियों (Adventure Tourism Activities) विशेषकर साहसिक खेलों जैसे रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग (River Rafting and Paragliding) आदि को और अधिक सुरक्षित बनाने को लेकर एक बैठक का आयोजन मुख्य सचिव बीके अग्रवाल (Chief Secretary BK Agrawal) की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार की गतिविधियों को सुनियोजित ढंग से बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बैठक में साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग और धार्मिक यात्राओं में जोखिमों को कम करने और इस क्षेत्र को और अधिक संगठित करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने पैराग्लाइडिंग को और अधिक सुरक्षित बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस उद्देश्य के लिए मोबाइल ऐप (Mobile App) विकसित की जानी चाहिए, जिससे पैराग्लाइडिंग पायलटों के उड़ान घंटों को मॉनिटर किया जा सके। बैठक में कठिन ट्रैकिंग रूटों पर जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से जीपीएस ट्रैकिंग बैंड (GPS Tracking Band) के प्रयोग पर भी बल दिया, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत व बचाव कार्य को आसानी से किया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन) राम सुभग सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में प्रत्येक आयु वर्ग के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
साथ ही प्रदेश में साहसिक खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन खेलों को संचालित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान, मनाली के निदेशक कर्नल नीरज राणा ने जानकारी दी कि संस्थान रिवर राफ्टिंग के लिए 15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है तथा इसमें केवल सफल प्रशिक्षुओं को ही रिवर राफ्टिंग के लाइसेंस दिए जा रहे हैं।
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