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नाहन। संगड़ाह उपमंडल के लगनू गांव से ताल्लुक रखने वाले दृष्टिबाधित धावक वीरेंद्र ने अपनी काबलियत का लोहा मनवाकर रजत व कांस्य पदक जीतकर जिला सिरमौर का नाम रोशन किया है। पंजाब के लुधियाना में हुई पहली राष्ट्रीय दृष्टिबाधित दौड़ में वीरेंद्र सिंह अपने मन की दृष्टि से ट्रैक पर ऐसा दौड़े कि सिरमौर की झोली में एक नहीं बल्कि दो पदक डाल दिए।
दृष्टिबाधित फेडरेशन पंजाब की ओर से लुधियाना के गुरूनानक स्टेडियम में 13 से 15 जनवरी तक आयोजित की गई इस प्रतियोगिता में पुरूष वर्ग की पांच किलोमीटर दौड़ में वीरेंद्र ने रजत पदक हासिल किया। जबकि, 1500 मीटर में भी वीरेंद्र ने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। संगड़ाह के लगनू गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह स्थानीय आयुर्वेदिक विभाग की डिस्पेंसरी में बतौर फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं।
कई पैरा खेलकूद प्रतियोगिताओं में काफी पदक जीत चुके
रणदीप सिंह व माता निर्मला देवी के घर में जन्मे वीरेंद्र सिंह अभी तक सामान्य व कई पैरा खेलकूद प्रतियोगिताओं में काफी पदक जीत चुके हैं। वीरेंद्र सिंह की इस उपलब्धि से लगनू गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। धावक वीरेंद्र ने इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ साथ एसडीपीए और आयुर्वेदिक विभाग सिरमौर को संयुक्त रूप से दिया है। जिला सिरमौर पैरा स्पोटर्स एसोसिएशन ने भी वीरेंद्र सिंह को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। एसडीपीए के सीईओ सुरेंद्र कुमार ने वीरेंद्र सिंह को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे धावक पर पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन को भी नाज है। उन्होंने धावक को उज्जल भविष्य की भी शुभकामनाएं दीं।
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