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मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका के मेयर पद के लिए बीजेपी उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शनिवार को साफ कह दिया कि उनकी पार्टी ना तो मेयर और ना ही डिप्टी मेयर के लिए उम्मीदवार खड़ा करेगी। इसके साथ ही बीएमसी में एक बार फिर से शिवसेना का मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है। फड़णवीस ने कहा कि बीजेपी शिवसेना को समर्थन देने को तैयार है लेकिन कोई पद नहीं लेगी। वह डिप्टी मेयर, नेता विपक्ष या किसी भी कमिटी के चेयरमैनशिप के लिए दावेदारी नहीं करेगी। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि यदि उन्हें वोट की जरुरत है तो बीजेपी समर्थन देने को तैयार है। हम विपक्ष में नहीं होंगे। हम सत्ताधारी दल का समर्थन करेंगे, लेकिन पारदर्शिता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे। बीएमसी मेयर पद के लिए आठ मार्च को चुनाव होना है। फड़णवीस ने साथ ही कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह स्थायी है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार को कोई खतरा नहीं, यह स्थायी है।
बीएमसी चुनावों में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़ी थीं। इसमें शिवसेना को 227 में से 84 सीटें मिली थी और वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। वहीं भाजपा को 82 सीट मिली थी। पिछले चुनावों की तुलना में भाजपा को बड़ा फायदा हुआ। 2012 में उसे केवल 31 सीट मिली थी।
कांग्रेस को इन चुनावों में तगड़ा नुकसान हुआ था। उसे केवल 31 सीटों से संतोष करना पड़ा। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) को केवल 7 सीटें मिली। इन चुनावों में किसी दल को बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद मेयर पद को लेकर संशय बना हुआ था। दोनों दल मेयर पद पर दावेदारी जता रहे थे। भाजपा की ओर से कहा गया था कि वह अपना मेयर बनाएगी। वहीं शिवसेना की ओर से बयान दिया गया था कि बीएमसी में मेयर तो उनकी ही पार्टी का होगा। इस दौरान कांग्रेस के शिवसेना के साथ जाने की खबरें भी आई थीं। लेकिन बाद में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने इससे इनकार कर दिया था।
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