- Advertisement -
धर्मशाला। शिक्षा बोर्ड के किसी भी पुस्तक वितरण केंद्र में नगदी स्वीकार नहीं की जाएगी। पुस्तकों की कीमत डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से ही ली जाएगी। नगदी की कमी को देखते हुए तथा नगदी रहित व्यवस्था को प्रोत्साहन दिए जाने की दृष्टि से बोर्ड द्वारा ने यह निर्णय लिया है कि आज के बाद बोर्ड के किसी भी पुस्तक वितरण केंद्र में नगदी स्वीकार नहीं की जाएगी। इन केंद्रों किताबों की बिक्री बोर्ड द्वारा विकसित की गई डिजिटल प्रणाली के अंतर्गत की जाएगी, जिसमें पुस्तक विक्रेतओं को पुस्तकों की कीमत अदा करने के लिए डिजिटल साधनों द्वारा भुगतान की व्यवस्था होगी यह व्यवस्था तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है। बोर्ड द्वारा बोर्ड की वेबसाइट पर यह व्यवस्था लागू की गई है, जिसके माध्यम से सभी पुस्तक विक्रय केंद्रों के प्रभारी इस व्यवस्था के अंतर्गत कार्य करेंगें तथा सभी पंजीकृत पुस्तक विक्रय केंद्र इस व्यवस्था का लाभ ले सकेंगे।
जानकारी देते हुए बोर्ड के सचिव डॉ (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि बोर्ड में इस समय 300 के लगभग पुस्तक विक्रेता पंजीकृत हैं, जिन्हें बोर्ड द्वारा दी जा रही पुस्तकों की बिक्री के लिए प्राधिकृत किया गया है। कुछ एक पंजीकृत पुस्तक विक्रेताओं के द्वारा यह आग्रह किया जा रहा है कि बोर्ड ऐसी व्यवस्था अपनाए जिसके अंतर्गत नगदी को छोड़ डिजिटल माध्यम से पुस्तकों की कीमत की अदायगी की व्यवस्था हो।
इसके साथ ही बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि बोर्ड कार्यालय में खोला गया कैश काउंटर आज के बाद नगदी स्वीकार नहीं करेगा तथा भुगतान केवल डिजिटल माध्यम से ही स्वीकार्य होगा, जिसके लिए कैश काउंटर पर उचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यहां यह भी कहना उचित होगा कि बोर्ड द्वारा पहले से ही फीस इत्यादि की प्राप्ति के लिए डिजिटल माध्यम से व्यवस्था की गई है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी स्कूल तथा विद्यार्थी व उनके अभिभावक डिजिटल माध्यम से इसका लाभ ले रहे हैं।
- Advertisement -