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भविष्य में फिर नहीं होगी गलवान जैसी हिंसक झड़प, भारत-चीन के बीच बनी सहमति !
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा (India-China border)पर तनाव कम करने के लिए दोनों देश लगातार कोशिशें कर रहे हैं इसी बीच,खबर सामने आ रही है कि अब दोनों देश चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने के लिए तैयार हैं। एक चीनी अखबार में इस बात का दावा किया गया है कि अब 15 जून को हुई हिंसक झड़प को फिर से नहीं दोहराया जाएगा। बता दें, तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर लेवल (Core commander level)की बातचीत हुई थी, जिसमें ये बात सामने आई है।
करीब 12 घंटों तक चली दोनों देशों में बातचीत
बातचीत में चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन और भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिदर सिंह (Corps Commander of India, Lt. General Harender Singh) के बीच करीब 12 घंटों तक बातचीत हुई। खबरों में दावा किया गया है कि दोनों देश ने 15 जून जैसी खूनी भिड़ंत फिर ना करने पर सहमति बनाई है। कहा जा रहा है कि 72 घंटों तक दोनों पक्ष एक दूसरे पर निगरानी रखेंगे। उधर चीन के सरकारी अखबार का भी कहना है कि भारत और चीन LAC पर तनाव कम करने पर सहमत हो गए हैं, दोनों देशों में चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने पर भी सहमति बन गई है। लेकिन, भारत की तरफ से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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देशों के बीच कई मसलों पर सहमति नहीं बन पा रही
गौर हो, भारत-चीन सीमा पर विवाद को खत्म करने के उद्देशय से 22 जून को भी एक बैठक हुई थी, जिसमें सीमा से जवानों को हटाने की बात कही गई थी, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिला था। दोनों देशों के बीच कई मसलों पर सहमति नहीं बन पा रही है। चीन गलवान घाटी (Galvan Valley) से हटने को लेकर तय पैरामीटर्स पर लगभग सहमत है, मगर पैंगोंग झील के पास से दोनों सेनाएं अभी पीछे नहीं हट रही है। पैंगोंग झील से भारतीय सेना पीछे हटना नहीं चाहती है। भारतीय सेना फिंगर-4 में स्थित है, यह इलाका शुरू से ही भारत के पास रहा है। भारत ने फिंगर-8 पर एलएसी (LAC) होने का दावा किया है। ऐसे में मंगलवार को चुशूल में भारत और चीनी सेना के बीच कोर कमांडर-स्तर की बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है।