-
Advertisement
नक्शा विवाद से पीछे हटा Nepal: नक्शे के संवैधानिक संशोधन का फैसला रोका
Last Updated on May 27, 2020 by
नई दिल्ली/काठमांडू। भारत और नेपाल के बीच जारी नक्शा विवाद (Map dispute) से नेपाल ने अपने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। दरअसल नेपाल (Nepal) की तरफ से जारी नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था। लेकिन अब इस मामले में अपडेट मिल रही है कि नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से आज संविधान संशोधन की कार्यवाही को हटा दिया। इस पर कोई चर्चा तो दूर, इसे सदन के अजेंडे से ही बाहर कर दिया गया।
दोपहर 2 बजे कानून मंत्री शिवमाया तुमबहाम्फे इस प्रस्ताव को पेश करने वाले थे
इसी महीने नेपाल ने एक नया नक्शा जारी कर भारत (India) के क्षेत्र को अपने क्षेत्र के तौर पर दर्शाया था। हालांकि जब तक संवैधानिक तौर पर इस नए नक्शे को मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक इसे वैध नहीं माना जा सकता है। वहीं अब कहा जा रहा है कि नेपाल कांग्रेस के दबाव में वहां की सरकार ने अपने कदम वापस खींचे हैं।
यह भी पढ़ें: हरभजन सिंह के वर्कआउट VIDEO पर विराट बोले- पाजी, बिल्डिंग कांप रही है
इससे पहले खबर थी की दोपहर को 2 बजे कानून मंत्री शिवमाया तुमबहाम्फे इस प्रस्ताव को पेश करेंगे। इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि क्यों इसे पेश नहीं किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार नेपाल के सत्तापक्ष और प्रतिपक्षी दल दोनों की आपसी सहमति से ही संविधान संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की कार्यसूची से हटाया गया है।
द्विपक्षीय वार्ता का माहौल बनाने के लिए नेपाल ने यह कदम उठाया!
बता दें कि संशोधन को पारित कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। पीएम केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसे सर्वसम्मति से पारित करने की अपील की थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मधेष आधारित पार्टियों के नेताओं ने सरकार पर दबाव बनाया है कि इस संशोधन के अलावा उनकी मागों को भी शामिल किया जाए। वहीं इस बैठक में सभी दल के नेताओं ने भारत के साथ बातचीत कर किसी भी मसले को सुलझाने का सुझाव दिया था। जिसके चलते ऐसा माना जा रहा है कि भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral talks) का माहौल बनाने के लिए नेपाल ने अपनी तरफ से यह कदम उठाया है।