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शिमला। हिमाचल (Himachal) में बीपीएल (BPL) सूचियों की समीक्षा/निरीक्षण अप्रैल में निर्धारित ग्राम सभा (Gram Sabha) की प्रथम बैठक में प्रस्तावित है। यह जानकारी पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Panchayati Raj Minister Virender Kanwar) ने ज्वालामुखी के विधायक रमेश ध्वाला के प्रश्न के जवाब में हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के बजट सत्र (Budget Session) के दौरान दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी बीपीएल सर्वेक्षण गाइड लाइन 2002 में 13 सामाजिक आर्थिक मानकों के आधार पर बीपीएल के लिए परिवारों के सर्वेक्षण चयन का प्रावधान है। पंचायत में बीपीएल परिवारों के चयन के लिए ग्राम सभा स्वयं सक्षम है। इसके दृष्टिगत विभागीय अधिसूचना (Departmental Notification) 13 जुलाई 2018 में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की प्रथम बैठक में ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची की समीक्षा की जाएगी।
ग्राम सभा द्वारा बीपीएल सूची की समीक्षा के संदर्भ में विभाग द्वारा यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि खंड विकास अधिकारी (BDO) द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए ग्राम सभा बैठक की निर्धारित तिथि से पूर्व एक तीन सदस्य की कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें संबंधित पंचायत के सचिव (Panchayat Secretary), पटवारी/राजस्व विभाग प्रतिनिधि तथा खंड विकास अधिकारी द्वारा नामित एक स्थानीय कर्मचारी पंचायती राज सदस्य होंगे। यह कमेटी सभी आवेदनों की जांच पड़ताल करके बीपीएल सूची में चयन का मामला ग्राम सभा के समक्ष समीक्षा के लिए प्रस्तुत करेगी।
बीपीएल सूची में परिवारों के चयन के संदर्भ में विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निम्न श्रेणी के परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल ना किया जाए। इसमें ऐसे परिवार जिनके पास दो हैक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि और एक हैक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि हो। ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए आधुनिक शहरी प्रकार का पक्का और बड़ा निजी मकान हो। जिस परिवार का कोई सदस्य आयकर देता हो। जिस परिवार के पास चार पहिया वाहन जैसे कार (Car), मोटर, जीप, ट्रैक्टर और बस आदि हो। जिस परिवार की वेतन, पेंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी तथा व्यवसाय आदि से नियमित मासिक आमदन 2500 रुपये से अधिक हो। ऐसे परिवार जो पंचायत कार्य में मस्ट्रोल पर कार्य करते हो, बीपीएल सूची में चयन के लिए अपात्र नहीं होंगे, क्योंकि वे केवल सीजनल रोजगार प्राप्त करते हैं। ऐसा परिवार जिनके घर से कोई सदस्य सरकारी नौकरी अथवा गैर सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत हो तथा जिसकी नियमित मासिक आमदन 2500 रुपये से अधिक हो।
ग्राम सभा द्वारा किए गए बीपीएल परिवारों के चयन बारे यदि कोई शिकायत अथवा आपत्ति हो तो एक माह के अंदर संबंधित एसडीएम (SDM) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है। एसडीएम के निर्णय से असंतुष्ट होने पर एक मास के भीतर डीसी (DC) के समक्ष आगामी अपील दायर की जा सकती है। गलत चयन संबंधित शिकायत मामलों में एसडीएम जांच उपरांत ऐसे परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटने के आदेश जारी कर सकते हैं। यदि किसी मामले में जारी किया गया बीपीएल प्रमाण पत्र झूठा और गलत पाया जाता है उस स्थिति में संबंधित पंचायत सचिव, पंचायत सहायक, पंचायत प्रधान (Panchayat Pradhan) के विरूद्ध दंडनीय कार्रवाई की जाएगी तथा जो व्यक्ति ऐसे प्रमाण पत्र का लाभ प्राप्त करेगा उसे सेवा से बर्खास्त किया जाएगा तथा उसके विरूद्ध नियमानुसार आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। हिमाचल में पिछले तीन वर्ष में बीपीएल सूची से 49,471 परिवारों को हटाया गया है। बीपीएल सूची में अपात्र परिवारों के चयन के लिए कोई भी कर्मचारी व पंचायत प्रतिनिधि दोषी नहीं पाया गया है। बीपीएल चयन से संबंधित 71 मामले वर्तमान में लंबित पड़े हैं।
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