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2 Test Negative आने के बाद मरने वाले डॉक्टर के भाई ने बताया- वह कहता रहा कि वह 100% Positive है
Last Updated on July 4, 2020 by saroj patrwal
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच देश की राजधानी में हालात दिन बीतने के साथ ही साथ और जटिल होते जा रहे हैं। दिल्ली (Delhi) में कोरोना के कुल मामले 95 हजार के करीब पहुंच गए हैं। रोजाना 2 हजार से अधिक मामले दिल्ली से रिपोर्ट किए जा रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के चलते होने वाली मौतों का आंकड़ा भी काफी भयावह है। इस सब के बीच दिल्ली से एक बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दिल्ली के मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट (डेंटल विभाग) के जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टर अभिषेक भयाना (26) की कोविड-19 (Covid-19) जैसे लक्षणों के बाद गुरुवार को मौत हो गई। हालांकि, उनके कोविड-19 के 2 टेस्ट नेगेटिव (Negative) आए थे।
22 जुलाई को था डॉ भयान का जन्मदिन
वहीं अब उनके भाई अमन ने डॉक्टर अभिषेक की मौत से जुड़ा एक बड़ा और हैरान कर देने वाला दावा किया है। बक़ौल अमन, अभिषेक मौत से पहले कहते रहे- ‘मुझे सांस लेने में समस्या है। मेरे सारे लक्षण कोरोना वाले हैं, मैं 100% पॉज़िटिव (Positive) हूं।’ दिवगंत भयाना के भाई अमन ने बताया कि – ‘गुरुवार की सुबह उसे चक्कर आने लगा, इससे पहले वह पूरी तरह से ठीक था, मैं उसे बताता रहा कि उसे कुछ नहीं होगा, हमें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वह हमारे साथ नहीं है। हमारे माता-पिता सदमे में हैं।’ इसी 22 जुलाई को भयान का जन्मदिन था और वह 27 साल के हो जाते। उनके परिजनों के अनुसार भयाना को 10 दिन पहले ही कोरोना के लक्षण का एहसास हो गया था। उन्होंने कफ और गले में दर्द की शिकायत की थी।
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अंतिम सांस तक, वह कहता रहा- उसे कोरोना वायरस…
अमन ने कहा, ‘हम उसे एक चेस्ट स्पेशलिस्ट के पास ले गए। एक्स-रे किया गया और हमें बताया गया कि उसे सीने में इंफेक्शन है। हम यह मानकर चल रहे थे कि यह वायरल बुखार के अलावा कुछ नहीं था। लेकिन उन्होंने कहा कि लक्षण चेस्ट इंफेक्शन के नहीं थे, क्योंकि उन्हें सांस की तकलीफ थी।’ गुरुवार को भयाना की हालत बिगड़ने पर उसे तुरंत पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। अमन ने कहा, ‘वह फिट और हेल्दी था। कई अन्य कारणों से निगेटिव रिजल्ट आ सकता है। अपनी अंतिम सांस तक, वह कहता रहा कि उसे कोरोना वायरस के लक्षण हैं। वहां के डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।’