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उत्तराखंड: 16608 Teachers की नौकरी पर संकट हुआ दूर, विशिष्ट BTC कोर्स को बैक डेट से मिली मान्यता
Last Updated on May 14, 2020 by
देहरादून। उत्तराखंड (Uttrakhand) के 16 हजार से अधिक शिक्षकों (Teachers) की नौकरी पर मंडरा रहा ख़तरा अब टल गया है। दरअसल राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के वर्ष 2001 से 2018 की अवधि के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को मान्यता मिल गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्रदेश सरकार के छह महीने के विशिष्ट बीटीसी पाठ्यक्रम को मान्यता प्रदान की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गई है। जिससे यह शिक्षक अब जहां प्रशिक्षित कहलाएंगे।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का मसला वर्षों से एमएचआरडी में लंबित था
वहीं इनके प्रमोशन (Promotion) का रास्ता भी साफ हो गया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के साथ कई अन्य राज्यों को भी राहत दी गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक वर्ष 2001 से लेकर 2018 की अवधि तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के छह माह के विशेष बीटीसी पाठ्यक्रम को मान्यता दी गई है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का मसला वर्षों से एमएचआरडी में लंबित था।
राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षकों को बधाई दी
बता दें कि शिक्षा विभाग ने 2001 से 2016 के बीच राज्य के 16608 शिक्षकों को डायट से विशिष्ट बीटीसी का कोर्स कराया था। कोर्स पूरा करने के बाद इन शिक्षकों को डायट से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी दिया गया। लेकिन एससीईआरटी ने इस कोर्स के लिए एनसीटीई से मान्यता नहीं ली गई। राज्य की विशिष्ट बीटीसी कोर्स को मान्यता न होने की वजह से शिक्षक अपात्र शिक्षक की श्रेणी में आ गए थे। जिसके बाद अब जाकर यह मामला शांत हुआ है। राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि उक्त अधिसूचना के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का आभार जताया, साथ ही शिक्षकों को बधाई भी दी।