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शिमला। विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सवाल-जवाब को लेकर खूब गहमा गहमी का माहौल रहा। एक ओर जहां बीजेपी के सवालों का सरकार ने बखूबी जवाब दिया, वहीं विपक्षी दल जवाब से संतुष्ट न होने पर कुछ नाराज सा दिखा। नियम 63 के तहत बीजेपी विधायक रविंद्र रवि ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में 14 दिसंबर 2016 को टांडा मेडिकल कॉलेज में पांच लोगों की ऑपरेशन के दौरान आंखों की रोशनी जाने का मामला सदन में उठाया।
रवि ने इस विषय पर कहा कि ऐसी ही एक और घटना कांगड़ा के फतेहपुर में एक कैंप में हुई यहां पर दो मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। रवि ने कहा कि 23 जनवरी को कैंप में हुए ऑपरेशन के दौरान दो व्यक्तियों की आंखों की रोशनी चली जाना गंभीर मसला है जो प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़ा करती है।
रवि ने एनजीओ द्वारा मुफ्त शिविर लगाने वालों पर सख्ती किए जाने और इन पर कानूनी शिकंजा कसने की भी मांग की। यही नहीं विधायक ने प्रदेश में इस तरह के गिरोह के सक्रिय होने पर भी शंका जताते हुए प्रदेश में इस तरह के मामलों को रोके जाने की मांग करते हुए प्रदेश के लोगों, गरीबों और कमज़ोर वर्ग के लोगों को इसके चंगुल से बचाने की अपील भी की। प्रदेश में दो मामलों में आंखों की रोशनी गंवाने वालों के प्रति सरकार से मदद के साथ इसमें बरती गई कोताही पर दोषियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग रविंद्र रवि ने उठाई। वहीं बनीखेत की विधायक आशा कुमारी ने डलहौजी में सिविल अस्पताल के लिए नए भवन के निर्माण और दूसरी सुविधाओं के लिए धनराशि को लेकर सवाल उठाया, जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने सरकार की तरफ से धनराशि उपलब्ध करने के साथ स्टाफ को कमी को भी दूर किए जाने का भरोसा दिलाया। इसके बाद गगरेट के विधायक राकेश कालिया के वृद्धावस्था पेंशन के लिए आयु सीमा 70 वर्ष किए जाने की योजना पर विचार किए जाने पर सरकार से जानकारी मांगी, लेकिन सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने इसकी संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन सहित साथ तरह की पेंशन दी जा रही है, जिसमे 80 साल से ऊपर के लोगों को प्रदेश सरकार ही ये पेंशन देती है। उन्होंने कहा कि यह पेंशन 2015 में शुरू की गई, जिसमे प्रति व्यक्ति 1200 रुपए की राशि दी जाती है।
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