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Budget Session: शिमला। प्रदेश में 389168 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है। 15 फरवरी 2017 तक 24579 पात्र लोगों के पेंशन को लेकर दिए गए आवेदन सरकार के पास लंबित हैं।सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने प्रश्नकाल के दौरान सदन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को तिमाही और छमाही आधार पर दी जा रही है। बीजेपी सदस्य जयराम ठाकुर, महेश्वर, सिंह, रणधीर शर्मा, कृष्ण लाल ठाकुर और बिक्रम सिंह जरियाल ने इस संबंध में सवाल किया था। इन सदस्यों का सवाल था कि राज्य में कितने लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है और चार वर्षों में कितनी धनराशि इस पर खर्च की गई है। इसके साथ-साथ कितने मामले अभी तक सरकार के पास लंबित है।
इस पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 268 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि 92332 लोगों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, 149121 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन और 21516 लोगों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन दी जा रही है। इसके साथ-साथ 77678 लोगों को विधवा पेंशन, 1851 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अपंगता पेंशन और 46188 को अपंगता भत्ता दिया जा रहा है। इस बीच, बीजेपी सदस्य सुरेश भारद्वाज ने अनुपूरक सवाल किया कि क्या प्रदेश में विधवा और वृद्धावस्था पेंशन 5-6 माह बाद दी जा रही है और यदि ऐसा है तो क्यों। वहीं महेंद्र
सिंह ने सवाल किया कि क्या कारण है कि समय पर पेंशन नहीं मिल रही।
नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने भी सवाल किया कि हर पेंशन में कितना हिस्सा केंद्र का है और कितना राज्य का। उन्होंने पूछा कि केंद्र से पैसा कब-कब आता है। इस पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री ने कहा कि पेंशन बांटने के दो माध्यम है। इनमें एक तिमाही और दूसरा छमाही है। छमाही पेंशन दूरदराज के इलाकों और सीमावर्ती इलाकों में दी जाती है। अन्य स्थानों में तिमाही आधार पर पेंशन दी जाती है।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन में केंद्र का हिस्सा 200 रुपए और राज्य का हिस्सा 450 है। वृद्धावस्था पेंशन में केंद्र से 500 रुपए और राज्य से 700 रुपए दिए जा रहे हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन में केंद्र का हिस्सा 300 रुपए और 350 रुपए राज्य के कोष से दिए जा रहे हैं। जबकि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अपंगता पेंशन में केंद्र से 300 रुपए मिल रहे हैं और इसमें राज्य का हिस्सा 900 रुपए है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मिल रही मदद अलग-अलग समय पर आती है और इसे लेकर कई बार वहां पत्राचार भी करना पड़ता है।
शिमला। प्रदेश में पिछले वर्ष बरसात और सर्दी में बारिश और बर्फबारी से हुए नुकसान के एवज में केंद्र से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। हालांकि प्रदेश सरकार ने बरसात में हुए नुकसान का 863.93 करोड़ रूपए और बर्फबारी में हुए नुकसान को लेकर 121.50 करोड़ रूपए का मेमोरेंडम राहत देने को केंद्र को भेजा है, लेकिन अभी तक वहां से कुछ नहीं मिला है। राजस्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने आज प्रश्नकाल के दौरान सदन में यह जानकारी दी।
ठाकुर ने कहा कि राज्य में भारी बरसात और बर्फबारी से हुए नुकसान के एवज में राहत के लिए केंद्र को लिखा भी है, लेकिन वहां से कोई राहत अभी तक नहीं मिली है। कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने इस संबंध में मूल सवाल किया था। उनका सवाल था कि बीते तीन वर्ष में आपदा से हुए नुकसान को लेकर जिलाधीशों को कितना पैसा जारी किया गया है और इसमें किस-किस विभाग को कितना पैसा जारी किया गया। उन्होंने कहा कि जहां पर नुकसान हुआ है, वहां पर राहत राशि कम दी जा रही है, जबकि जहां पर कम नुकसान हुआ है, वहां पर ज्यादा राशि दी गई है। उन्होंने राहत के सिस्टम को सही करने को कहा। इस बीच, बीजेपी सदस्य महेंद्र सिंह ने अनुपूरक सवाल किया कि धर्मपुर में बरसात में हुए नुकसान पर कितनी राहत दी है।
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