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भगवान बुद्ध द्वारा संचालित धर्म एक क्रांति की तरह उदय हुआ और पूरी तरह जन-जीवन पर असर कर गया। आज बौद्ध धर्म में तीन मुख्य सम्प्रदाय हैं: थेरवाद, महायान और वज्रयान। बौद्ध धर्म को पैंतीस करोड़ से अधिक लोग मानते हैं और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है। बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. माना जाता है। वे शाक्य वंश के राजकुमार थे। उनके पिता शुद्धोदन और माता महामाया थीं। उनके जन्म से पहले रानी महामाया को कुछ अलौकिक सपने आए।
उन स्वप्नों का रहस्य समझने के लिए राजा ने आठ भविष्यवक्ता बुलाए। सभी ने कहा कि आपको एक अद्भुत पुत्र प्राप्त होगा। अगर वह घर में रहा तो चक्रवर्ती सम्राट बनेगा, पर अगर उसने गृह त्याग किया तो वह महान संन्यासी बनेगा। गौतम बुद्ध का जन्म बैशाख पूर्णिमा के दिन कपिलवस्तु (अब नेपाल) के आम्रकुंज में हुआ था । जन्म के कुछ समय बाद ही उनकी माता का देहांत हो गया । उन्हें प्रजापति गौतमी ने पाला। राजा को भविष्य वक्ताओं की बात याद थी। उन्होंने पुत्र में क्षत्रियोचित गुण उत्पन्न करने के लिये समुचित शिक्षा का प्रबंध किया,किंतु सिद्धार्थ सदा किसी चिंता में डूबे दिखाई देते थे। अंत में पिता ने उन्हें विवाह बंधन में बांध दिया। एक दिन जब सिद्धार्थ रथ पर शहर भ्रमण के लिये निकले, तो उन्होंने मार्ग में एक दुर्बल वृद्ध व्यक्ति, रोगी और एक शव को देखा। इसके बाद वे संसार से और भी अधिक उदासीन हो गये।
पर एक अन्य अवसर पर उन्होंने एक प्रसन्नचित्त संन्यासी को देखा। उसके चेहरे पर शांति और तेज की अपूर्व चमक विराजमान थी। सिद्धार्थ उस दृश्य को देख-कर अत्यधिक प्रभावित हुए। विवाह के दस वर्ष के उपरान्त उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इससे पहले कि सांसारिक बंधन उन्हें रोक लें, उन्होंने गृहत्याग करने का निश्चय किया। एक रात्रि को सिद्धार्थ अपने ज्ञान की तृष्णा को तृप्त करने के लिये घर से बाहर निकल पड़े। लंबी तपश्चर्या के बाध उन्हें बोधि की प्राप्ति हुई। उसके बाद उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार आरंभ किया। बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परंपरा से निकला धर्म और दर्शन है। गौतम बुद्ध छठी से पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व तक जीवित थे। उनके निर्वाण के बाद अगली पांच शताब्दियों में बौद्ध धर्म पूरे भारत में फैला और अगले दो हज़ार साल में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया।
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