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कुल्लू। हिमाचल में बेशक पब्लिक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट (Public Passenger Transport) को 100 फीसदी सवारियों के साथ दौड़ने को अनुमति मिल गई हो, लेकिन अभी तक 31 फीसदी ही सीटें भरे पा रही हैं। यह खुलासा परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Transport Minister Govind Singh Thakur) ने किया है। गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सरकार ने 100 फीसदी क्षमता के साथ पब्लिक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट को चलाने की अनुमति दे दी है। अभी भी प्रदेश की जनता बहुत सावधानी के साथ जरूरी काम के लिए ही घरों से बाहर निकल रही है, ऐसे में प्रदेश में 31% क्षमता के साथ ही पब्लिक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट में चल रही हैं। सरकारी सेक्टर में भी पहले कर्मचारी पब्लिक बसों (Bus) में यात्रा करते थे, लेकिन अब सरकारी कर्मचारी व लोग अपने निजी वाहनों में सफर कर रहे हैं। प्रदेश में जहां पर भी पब्लिक की डिमांड है, वहां पर एचआरटीसी की बसें (HRTC Bus) चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे कोरोना (Corona)काल में स्थिति सामान्य हो रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने पर्यटन कारोबार को भी खोला है।
आरएम कुल्लू डीके नारंग ने बताया कि अनलॉक टू (Unlock-2) में कुल्लू जिला में 62 बस रूट ऑपरेट किए जा रहे हैं और इसके इलावा इंटर डिस्ट्रिक्ट 10 रूटों पर लोगों को परिवहन की सुविधा दी जा रही है, जिसमें कुल्लू- शिमला, कुल्लू-जसूर व कुल्लू मंडी के लिए तीन रूट चलाए जा रहे हैं। वहीं, मंडी जिला के विधानसभा क्षेत्र सराज के लिए 3 बस रूट चलाएं हैं। उन्होंने कहा कि कई बस रूट में ड्राइवर-कंडक्टर को रहने के लिए व्यवस्था नहीं हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व लोग ड्राइवर-कंडक्टर को ठहराने के लिए उचित व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में जहां प्रतिदिन 10 से 12 लाख रुपए की इनकम होती थी, वहीं अब 40 से 50 हजार की इनकम प्रतिदिन हो रही है, जिससे पिछले 3 महीनों में 10 से 12 करोड़ रुपए का नुकसान एचआरटीसी को हुआ है। कुल्लू जिला में इलेक्ट्रिकल बसें 25 हैं, जिसमें से 4 बसें टेंपरेरी तौर पर मंडी जिला के लिए ट्रांसफर की हैं और 20 बसें कुल्लू जिला में हैं, जिसमें से 2 बसें कुल्लू-मनाली के लिए चलाई जा रही हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में 4 बसें कुल्लू-मंडी के बीच चलाई जाएंगी।
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