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![C Voter's survey over himachal vidhansabha election](https://himachalabhiabhi.com/wp-content/uploads/2022/10/bjp-1.jpg)
सी वोटर का कमाल, बीजेपी को कर दिया निहाल-कांग्रेस की माथापच्ची बेकार
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhan Sabha Election) दहलीज पर खड़े हैं। लेकिन अभी चुनाव की अधिसूचना होना बाकी है,प्रदेश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों बीजेपी (BJP) व कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी (Candidates) भी तय नहीं किए है। इस सबके बीच सी वोटर सर्वे भी आ गया है। यही नहीं सरकार भी बना दी है। यानी चुनाव की कोई जरूरत नहीं,सी वोटर ने कर दिया फैसला,हिमाचल में फिर से खिलेगा कमल। कमाल है,ऐसे में फिर इन दोनों ही प्रमुख पार्टियों को प्रत्याशी घोषित करने की जरूरत ही क्या है। बीजेपी तो सरकार बना ही रही है,कांग्रेस (Congress) सत्ता से दूर है,ऐसे में माथापच्ची की क्या जरूरत। किसे भी टिकट देकर प्रत्याशी बना दो,हार-जीत तो सी वोटर ने बता ही दी। करीब 70 लाख की आबादी वाले इस पहाड़ी राज्य में ये सर्वे कितने कारगर होते हैं,ये तो चुनावी नतीजे (Election Result) बताएंगे ही,लेकिन अपने आप में ये चुनावी राजनीति से खिलवाड़ जरूर कहे जा सकते हैं।
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ये कोई नई बात नहीं है कि इस तरह के सर्वे किए जाते हो,अब तो ये चुनावी मैनेजमेंट (Election Management) का हिस्सा हो गए हैं। कोई भी चुनाव लडने वाला चाहे जीत रहा हो,अपने लिए सर्वे करवा ही लेता है। ये तो बिल्कुल वैसा हो चला है,जैसे किसी भी पंडित के पास जाकर हाथ दिखाना। हमारा यहां मकसद ये नहीं है कि सी वोटर को गलत ठहराया जाए,मतलब इससे है कि इस पर कोई तो लगाम कसी जाए। वरना बैठे बिठाए किसी भी दल के मनोबल को गिराने जैसा कहा जा सकता है। सी वोटर सर्वे कर लिया,फिर टीआरपी (TRP) बढ़ाने के लिए तीन से चार को चर्चा के लिए बैठा लिया हो गया काम। ऐसे में सवाल ये उठता है कि राजनीतिक दलों (Political Parties) को फिर सी वोटर सर्वे को ही कबूल कर गांव-गांव,शहर-शहर व हर घर जाने की जरूरत ही क्या रही,सी वोटर ने रिजल्ट दे तो दिया।
सरकार बहुत सारी चीजों पर लगाम लगाती है,तो इस पर क्यों नहीं। सर्वे की दुकानें तो अब ऐसे खुली पडी है,जैसे उन्होंने ठेका ले लिया है। बस एक-दूसरे को कॉपी कर सोशल मीडिया (Social Media) पर ऐसे करेंगे-वैसा करेंगे,नुक्कड सभाएं करेंगे,किसी के घर मांगलिक कार्यों में ऐसे शिरकत करेंगे,अनहोनी पर ऐसा करेंगे,कुछ ऐसी ही प्लानिंग कैंडिडेट को दी जाती हैं। मरता क्या ना करता,वो भी उनके कहें के अनुरूप शुरू हो जाते हैं। अच्छा भला प्रचार का बैंड बजवा लेते हैं। बदले में इन सर्वे वालों को मोटी रकम भी देते हैं। मतलब एक दुकान चुनावों में ऐसी खुल गई है जो हर जगह नजर आने लगी है।
अब संडे की ही बात कर लें एक निजी टीवी चैनल ने सी वोटर सर्वे (C Voter Survey) को सामने लाकर अपनी दुकान चला ली। कहा गया कि सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे के मुताबिक राज्य में फिर से कमल खिलेगा। यानी बीजेपी रिपीट करेगी। कहा गया है कि सर्वे में 46 प्रतिशत लोगों ने बीजेपी की जीत का दावा किया है। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच का गैप 10 पर्सेंट का है। मतलब 36 फीसदी लोगों ने सर्वे में माना है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। आम आदमी पार्टी (AAP) को इस लड़ाई से दूर माना जा रहा है। महज 8 फीसदी लोगों का मानना है कि हिमाचल में अरविंद केजरीवाल की पार्टी सरकार बनाएगी। वहीं 3 प्रतिशत लोगों ने त्रिशंकु विधानसभा की संभावना जताई। अब कर लो बात,कांग्रेस-बीजेपी को माथापच्ची करने की जरूरत ही क्या रही अब।