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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में तेज हुई हलचल के बीच राज्यसभा में आज जम्मू-कश्मीर बिल पेश किया गया। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह के बयान के दौरान विपक्ष ने खूब शोर मचाया। विपक्ष के शोर- शराबे के बीच अमित शाह ने धारा 307 को हटाने व जम्मू कश्मीर पुर्गठन के संकल्प पेश किया।
कश्मीर मामले पर फैसले का वक्त आ गया है। एक तरफ जम्मू और श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है, स्कूल-कॉलेज बंद हैं और महबूबा मुफ्ती व उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। संसद में गृहमंत्री अमित शाह इस मामले को लेकर बयान देंगे।। वहीं, दंगों की आशंका के चलते सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे पहले पीएम आवास पर मोदी-शाह और एनएसए डोभाल के बीच एक अलग से बैठक भी हुई। गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा कैबिनेट के सभी मंत्री पीएम आवास पर पहुंच गए हैं।
गौर हो कि जम्मू-कश्मीर में देखते ही देखते एक ही रात में हालात काफी बदल गए हैं। कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जम्मू और श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है, साथ ही सुरक्षा कारणों को देखते हुए जम्मू में 4 हजार जवानों को तैनात किया गया है। सोमवार सुबह छह बजे से धारा 144 लागू हो गई है। जम्मू, श्रीनगर, कठुआ, किश्तवाड़, कुपवाड़ा और पुंछ में स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
वहीं, श्रीनगर जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शहर में धारा 144 अगले आदेश तक लागू रहेगी। सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। आम लोगों का किसी प्रकार का मूवमेंट नहीं होगा। रैली या सार्वजनिक बैठक पर प्रतिबंध रहेगा। देर रात को जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को नजरबंद कर दिया गया। दोनों ही नेताओं ने रात को ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी, दोनों ही नेता लगातार ट्वीट कर अपील कर रहे थे कि सरकार को साफ करना चाहिए कि कश्मीर में क्या हो रहा है। नेताओं को नजरबंद करने को लेकर राजनीतिक दलों ने इसका विरोध करना भी शुरू कर दिया है।
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