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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के सिलसिले में चल रहे प्रचार का शोर कुछ ही देर में थम जाएगा और सत्ता की चाबी जनता के हाथ में आ जएगी।ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस समेत दूसरे दल अपनी-अपनी सरकार बनाने के लिए एड़ी छोटी का जोर लगा रहे हैं। हालांकि इस सब के बीच सभी की निगाह बुधनी विधानसभा सीट पर टिकी हुई है। दरअसल इस सीट की खासियत यह है कि इस सीट को जीतने वाला ही MP के सीएम की कुर्सी पाता है। यह रिकॉर्ड पिछले 38 साल से कायम है।
बता दें कि 1980 में कांग्रेस के केएन प्रधान बुधनी विधानसभा से विधायक बने थे और अर्जुन सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 1985 में कांग्रेस के ही चौहान सिंह की जीत हुई और एक बार फिर उसी पार्टी की सरकार बनी।इसके बाद बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान वर्ष 1990 में चुनावी मैदान में उतरे और उन्होंने जीत हासिल की। इस दौरान सुंदरलाला पटवा के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी ने सरकार बनाई।
अगले चुनाव में 1993 में कांग्रेस के राजकुमार पटेल बुधनी से विधायक बने और राज्य में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी। इसके बाद देव कुमार पटेल जीते और फिर से उन्हीं की पार्टी कांग्रेस के नेता दिग्विजय दूसरी बार सीएम बने। इसके बाद साल 2003 में बीजेपी के राजेंद्र सिंह राजपूत यहां से जीते और उमा भारती सूबे की मुखिया बनीं। इसके बाद 2008 और 2013 में इस सीट को जीतकर शिवराज सिंह चौहान ने सूबे में अपनी सरकार बनाई। अब इस चुनाव में देखना ये होगा कि 38 साल से कायम यह रिकॉर्ड क्या इस बार भी अपनी साख बचा सकेगा या नहीं।
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