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सरकार ने नियुक्ति नहीं दी तो अभ्यर्थियों ने सचिवालय के सामने किया छठ व्रत
Last Updated on November 11, 2021 by admin
अपनी बात मनवाने के लिए लोगों को प्रदर्शन व नेताओं के घेराव करते हुए आप ने देखा होगा। पर हमारे देश के एक राज्य में तो सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए सचिवालय के सामने अभ्यर्थियों ने सड़क पर छठ व्रत किया। मामला झारखंड का है यहां पर 11 गैर अनुसूचित जिलों में हाई स्कूल शिक्षक परीक्षा के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति ना मिलने पर अनूठे तरीके से विरोध जताया। रांची के प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय के सामने अभ्यर्थियों ने बुधवार और गुरुवार को सड़क पर छठ व्रत किया। उन्होंने सड़क के किनारे ही घाट सजाया और छठ मइया की पूजा-अर्चना करते हुए सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना की। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी पिछले 14 दिनों से यहीं धरना दे रहे हैं। उन्होंने दिवाली भी यहीं मनाई थी। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी नियुक्ति नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा। इन अभ्यर्थियों के समर्थन में उनके घरवाले और परिजन भी धरना स्थल पर जमे हैं।
झारखंड में हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। तत्कालीन सरकार ने इसके लिए राज्य के 13 जिलों को अनुसूचित और 11 जिलों को गैर-अनुसूचित घोषित किया था। अनुसूचित जिलों में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए सिर्फ उन्हीं जिलों के रहनेवाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे, जबकि गैर-अनुसूचित जिलों में रिक्त पदों के लिए कोई भी आवेदन कर सकता था। इस नियम के तहत झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा भी ले ली, लेकिन इस नियम को कोर्ट में चुनौती दिये जाने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हो गयी। बाद में अदालत ने अपने एक आदेश में कहा कि 11 गैर-अनुसूचित जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है, लेकिन राज्य सरकार ने इस संबंध में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। आंदोलित अभ्यर्थी सरकार से मांग कर रहे हैं कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गयी परीक्षा का परिणाम घोषित कर उन्हें नियुक्ति दी जाये। अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट ने भी कह दिया है कि 11 गैर अनुसूचित जिलों में कोई रोक-टोक नहीं है। ऐसे में सफल अभ्यार्थियों का परीक्षा फल रोककर रखना कहां तक उचित है। उन्होंने पिछले दिनों रांची सचिवालय के सामने धरना देते हुए ठंड के बीच दिवाली मनाई और अब बुधवार-गुरुवार को छठ व्रत भी किया।
-आईएएनएस