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परीक्षार्थियों का आरोप: घंटों बैठाने के बाद रिजेक्ट कर निकाला बाहर; जानें पूरा मामला
Last Updated on January 19, 2020 by Deepak
धर्मशाला। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत आयोजित कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने परीक्षा पर सवाल उठाए हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें घंटों बैठाने के बाद रिजेक्ट कर दिया गया। बता दें कि इस परीक्षा का आयोजन एचएलएल कंपनी द्वारा किया गया था। कंपनी ने परीक्षा के लिए 1800 अभ्यर्थियों को बुलाया था। इस परीक्षा का आयोजन प्रदेश के तीन जिलों धर्मशाला मंडी शिमला में किया गया था। परीक्षा ले रही कंपनी के अनुसार धर्मशाला में परीक्षा देने करीब 450 अभ्यर्थी पहुंचे थे।
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अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में पहुंचने का समय सुबह साढ़े नौ बजे का था। जबकि परीक्षा दोपहर डेढ़ बजे करवाई गई। जिसको लेकर भी अभ्यर्थियों में खासा रोष है। यही नहीं जिन कैंडीडेटस ने सीएचओ पद के लिए आवेदन किया थाए उनके दस्तावेज मौके पर ही चेक किए गए जबकि यह काम पहले किया जाना चाहिए था। वहीं कुछ अभ्यार्थियों का आरोप है कि उन्हें पहले परीक्षा के लिए बैठा लिया गया और करीब दो से तीन घंटे के बाद यह कहकर उन्हें बाहर भेज दिया गया कि आपके आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। जिसके चलते दूर दूर से परीक्षा देने आए अभ्यार्थियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी।
क्या कहते हैं एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड के एचआर
एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड के एचआर सीनियर मैनेजर देवा ने बताया कि आज कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की परीक्षा के लिए धर्मशाला में 400 के करीब अभ्यर्थी आए थे। इस परीक्षा के लिए योग्यता बीएससी नर्सिंग रखी गई थी और हाईकोर्ट के निर्देशानुसार बीएएमएस को भी अनुमति दी गई थी। सभी को कॉल लेटर जारी किए थेए आज कौन-कौन कॉल लेटर के साथ आया था हमारी टीम ने वेरिफाई किया। कैंडीडेट को रिपोर्ट करने का समय साढ़े नौ बजे का दिया गया थाए हमने किसी को भी रिजेक्ट नहीं और एग्जाम एक बजे के लगभग शुरू किया गया।
एचआईडीए ने मांगी मामले की जांच
हिमाचल इंटेग्रेटिड डॉक्टर्स एसोसिएशन (एचआईडीए) के प्रदेशाध्यक्ष डॉ भानु पठानिया ने कहा कि आज सीएचओ की परीक्षा हुई। जिसको लेकर कैंडीडेट ने साढ़े 9 बजे परीक्षा भवन में प्रवेश किया था। जबकि परीक्षा डेढ़ बजे शुरू हुई। कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई। कुछ अभ्यर्थियों को मेल नहीं आई थीए जिसके बारे में कंपनी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मामले की जांच की जाए।