- Advertisement -
हमीरपुर। महज 26 साल की उम्र में देश की रक्षा के लिए शहीद (Martyr) होने वाले कैप्टन मृदुल शर्मा के बलिदान को 16 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक बाल स्कूल का नामकरण उनके नाम पर नहीं हो पाया है। शहीद के परिजनों को आज तक इस बात का मलाल है। हालांकि शहीद के नाम पर एक चौक का नामकरण भी किया गया है। इसे शहीद मृदुल चौक के नाम से जाना जाता है। वहीं शहीद के नाम पर पार्क का निर्माण भी किया गया है। आज शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा (Captain Mridul Sharma) के शहीदी दिवस पर शहीद स्मारक पर हमीरपुर के विधायक नरेन्द्र ठाकुर, डीसी हरिकेश मीणा ने श्रद्वासुमन अर्पित किए और शहीद की शहादत को याद किया।
शहीदी दिवस के अवसर पर शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा के पिता सेवानिृवत्त ले. कर्नल जेके शर्मा, भाई मुकुल शर्मा के अलावा बीजेपी हमीरपुर मंडल के सदस्य व अन्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा पहली जनवरी 2004 में आंतकवादियों से लोहा लेते हुए कश्मीर में शहादत का जाम पिया था। शहादत के बाद सेना ने मृदुल शर्मा को गलैटरी अवार्ड से सम्मानित किया था और प्रदेश सरकार ने भी कई घोषणाएं की थी। शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा के पिता पूर्व कर्नल जेके शर्मा ने बताया कि जब उनके बेटे का निधन हुआ उस समय वह आर्मी में सेवाएं दे रहे थे। कुछ महीनों बाद एक हादसे में उन्हें अपनी एक टांग गंवानी पड़ी। उन्होंने बताया कि वह शहीद कैप्टन मृदृल शर्मा के नाम पर बाल स्कूल हमीरपुर का नामकरण करने की मांग कई बार सरकार से कर चुके हैं। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है जिसका उन्हे दुख है।
- Advertisement -