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नई दिल्ली। दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों ही नहीं, बल्कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उम्र के साथ हार्ट को खून पहुंचाने वाली धमनियों का सिकुड़ जाना। इसीलिए ठंड के मौसम में हार्ट अटैक से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।
हम आज आपके लिए कुछ आसान उपाए लेकर आए हैं, जिनको अपनाने से आप दिल का ख्याल रख पाऐंगे। हार्ट अटैक आमतौर पर तब होता है, जब दिल तक पर्याप्त खून पंप पहुंच नहीं पाता है। सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों को एआरएनआई थैरेपी देकर और लाइफस्टाइल में चेंज करके बदला जा सकता है। नीचे दी गई जानकारी से आप ठंड के मौसम में अपना और दिल का ख्याल रख पाएंगे।
हार्ट के मरीज डॉक्टर्स की सलाह से घर के अंदर ही ऐसी एक्सरसाइज करें जो दिल के लिए फायदेमंद हो। सर्दियों में नमक और पानी की कम मात्रा में लें। अपना ब्लड प्रेशर समय समय पर चेक करते रहें। खुद को हमेशा ठंड से बचाने की कोशिश करें।
सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन-डी, हृदय में स्कार टिशूज को बनने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक में बचाव होता है। सर्दियों के मौसम में सही मात्रा में धूप नहीं मिलने से, विटामिन-डी के स्तर को कम कर देता है, जिससे हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है।
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ठंड में नर्वस सिस्टम सक्रिय हो सकता है। इसकी वजह से हार्ट बीट बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इससे रक्त वाहिकाओं की प्रतिक्रिया कम हो जाती है, जिससे हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। इसके कारण हार्ट संबधीं परेशानियां आतीं हैं।
ठंड में टेम्प्रेचर के कम होने से पसीना निकलना कम हो जाता है। इसके कारण फेफड़ों में पानी जमा होने का खतरा होता है। इसके कारण मरीज में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
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