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सियासी हलचल के बीच गहलोत सरकार का बड़ा दांव: CBI की राजस्थान में डायरेक्ट एंट्री पर लगाया Ban
Last Updated on July 20, 2020 by Deepak
जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में जारी सियासी उठापटक के दौरा के बीच सूबे की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने एक बड़ा दांव खेला है। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया है कि सीबीआई को किसी जांच के लिए पहले उसकी इजाजत लेनी होगी। उसके बाद ही सीबीआई (CBI) कोई एक्शन ले पाएगी। राज्य सरकार की सीनियर डिप्टी सेक्रेटरी रवि शर्मा ने यह आदेश जारी किया है। सारकार द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार परिस्थिति के अनुसार किसी केस पर सहमति देगी। सरकार ने पहले की सभी सामान्य सहमति रद्द कर दी है। हालांकि विशिष्ट व्यक्तिगत मामलों में सहमति रहेगी।
मुझे पहले ही पता लग गया था कि मेरे करीबियों के यहां छापे पड़ेंगे
इस आदेश में आगे कहा गया है कि अगर सीबीआई के पास 1990 से पहले का कोई केस यदि हो, तो उसे राज्य सरकार से इस मामले में सहमति लेनी होगी। राजस्थान की गहलोत सरकार ने सीबीाई पर यह फैसला ऐसे समय लिया है, जब राज्य में सरकार को लेकर सियासी खींचतान जारी है। सीएम अशोक गहलोत केंद्र सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि दबाव बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। राजस्थान के सीएम ने सोमवार को ही कहा कि आज देश में गुंडागर्दी हो रही है, मनमर्जी के हिसाब से छापे मारे जा रहे हैं। मुझे दो दिन पहले ही पता लग गया था कि मेरे करीबियों के यहां छापे पड़ेंगे।
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छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल सरकार ने भी बना रखा है ये नियम
सीएम का यह बयान राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद आया था। बता दें, राजस्थान कांग्रेस के दो बडे़ नेताओं राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ के ठिकानों पर यह छापेमारी हुई थी। इसके अलावा आयकर विभाग ने सीएम गहलोत के चार कथित करीबी लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा था। इन सभी को आयकर की धारा 131 के तहत नोटिस भेजा गया था। बता दें कि सीबीआई को बिना अनुमति के आने से रोकने वाला राजस्थान कोई पहला राज्य नहीं है। इससे पहले छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार और पश्चिम बंगाल में ममता सरकार भी सीबीआई को आने से रोकने का आदेश जारी कर चुकी हैं।