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CDS रावत ने कही ‘थिएटर कमांड’ बनाने की बात, जानें क्या है; किस तरह बढ़ता है ताकत
Last Updated on January 2, 2020 by
नई दिल्ली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल विपिन रावत ने अपनी तैनाती के साथ ही दुश्मनों के लिए ‘चक्रव्यूह’ रचने का काम शुरू कर दिया है। रावत ने पद संभालने के बाद ही थिएटर कमांड बनाने की बात कही है। उन्होंने इस मसले पर चर्चा करते हुए कहा है कि भविष्य में देश में थिएटर कमांड्स (Theater Commands) बनाए जाएंगे ताकि युद्ध के दौरान दुश्मन की हालत खस्ता करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके। अब इस सब के बीच हम सभी के लिए यह जानना बेहद ही जरूरी हो जाता है कि आखिर यह थिएटर कमांड किस बला का नाम है? यह क्यों जरूरी है और यह काम कैसे करता है? तो चलिए जानते हैं इन्हीं सवालों के बारे में
क्या है थिएटर कमांड?
थिएटर कमांड युद्धकाल में दुश्मन पर अचूक वार के लिए सेनाओं के सभी अंगों के बीच शानदार तालमेल बैठाने का एक सिस्टम होता है। इस कमांड के अंतर्गत सेना के तीनों अंगों आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के साथ-साथ अन्य सैन्य बलों को एक भौगोलिक क्षेत्र में एक ही ऑपरेशनल कमांडर के नीचे लाकर एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाता है, जो दुशमन पर एक रणनीति के तहत हमला कर सके।
थिएटर कमांड बनाने से क्या फायदा होगा?
इस तरह का कमांड बन जाने से संसाधनों कि बचत और किफ़ायती तारीके से उनका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
आखिर क्यों पड़ रही है थिएटर कमांड बनाने की जरूरत?
देश के करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल को अभी आधुनिकीकरण के लिए फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अगर इस तरह के कमांड का निर्माण कर दिया जाता है तो संसाधनों कि बचत कर इन सशक्त सैन्य बालों का भी आधुनिकीकरण आसानी से किया जा सकेगा।
देश में अभी कितने थिएटर कमांड और अन्य कमांड हैं मौजूद?
देश में अभी केवल एक ही थिअटर कमांड है जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। इसे अंडमान और निकोबार कमांड के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा देश में अभी 17 सिंगल सर्विस कमांड्स हैं। इनमें सात आर्मी के सात एयरफोर्स के और बाकी तीन नेवी के हैं। बड़ी बात यह है कि देश में सिर्फ दो ही यूनिफाइड कमांड्स हैं।