- Advertisement -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आम लोगों के जरूरत के कुछ और सामनों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे मोबाइल, एसी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और प्लास्टिक के सामान महंगे होंगे। रुपए की गिरती कीमत को थामने और आयात को कम करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। लेकिन इससे त्योहारों पर उपभोक्ताओं की शॉपिंग लिस्ट छोटी हो सकती है।
पिछले महीने भी सरकार ने 19 सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी थी। अब चालू खाता घाटे में कमी करने के लिए सरकार ने कुछ और सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। आयात घटने से स्थानीय निर्माताओं को फायदा होगा। इस कदम से रुपये की घटती कीमत को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इससे सरकार का रेवेन्यू लगभग 4,000 करोड़ बढ़ जाएगा।
मोबाइल फोन : बेस स्टेशन, ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, स्विच और आईपी रोडियो जैसे सामान पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगा। मदरबोर्ड पर भी आयात शुल्क बढ़ेगा। इसके चलते बाजार में मोबाइल फोन महंगे हो सकते हैं।
एयर कंडिशनर और रेफ्रिजरेटर : इन दोनों सामानों पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि गर्मियां खत्म हो गई हैं इसलिए एयर कंडिशनर की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं दिखेगा।
वॉशिंग मशीन : 10 किलो से कम की कपैसिटी वाले वॉशिंग मशीन पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 से 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके चलते वॉशिंग मशीन की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
फ्लाइट : एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर सरकार ने 5 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है। इसके बाद एविएशन इंडस्ट्री टिकट की कीमत बढ़ाने वाले हैं। हालांकि सरकार ने जेट फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी कम करके 14 से 11 पर्सेंट कर दी है। इससे यात्रियों को कुछ राहत भी मिलेगी।
जूलरी : कीमती धातुओं और जूलरी के सामान में ड्यूटी 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 20 पर्सेंट कर दी गई है। इस वजह से जूलरी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
सैनिटरी वेअर और प्लास्टिक के सामान : सिंक, वॉश बेसिन जैसे सामानों पर ड्यूटी बढ़ाई गई है। इसके अलावा प्लास्टिक के बॉक्स, केस, कॉन्टेनर, बोतल पर भी ड्यूटी बढ़ाकर 10 से 15 फीसदी कर दी गई है। ऑफिस स्टेशनरी, डेकोरेटिव शीट्स पर भी शुल्क बढ़ाया गया है। सूटकेस, ब्रीफकेस और ट्रैवल बैग पर भी ड्यूटी बढ़ाई गई है।
- Advertisement -