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Corona Crisis: केंद्र ने 14 राज्यों के लिए खोला खजाना; यहां जानें हिमाचल को मिला कितना
Last Updated on May 12, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पूरे देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 14 राज्यों को 6 हजार एक सौ 95 करोड़ 8 लाख रुपए जारी किए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 14 राज्यों को विकास राजस्व घाटा अनुदान (development revenue deficit grant) के रूप में यह राशि दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के कार्यालय ने ट्विटर पर कहा, ‘सरकार ने 11 मई 2020 करे दूसरी किस्त के रूप में 14 राज्यों को विकास राजस्व घाटा अनुदान के रूप में कुल 6,195.08 करोड़ रुपए जारी किये। यह 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप है, इससे राज्यों को कोरोना संकट के दौरान अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हो पाएगा।’
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The government on May 11, 2020 released Rs 6,195.08 crore to 14 states as the second equated monthly installment of the Post Devolution Revenue Deficit Grant as recommended by the 15th Finance Commission. This would provide them additional resources during the Corona crisis. pic.twitter.com/9W9kUorB62
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) May 11, 2020
हिमाचल और अन्य राज्यों के खाते में गया कितना, यहां जानें
केंद्र की तरफ से जारी की गई इस विकास राजस्व घाटा अनुदान राशि में से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के खाते में 952 करोड़ रूपए आए हैं। यह दूसरी मासिक किश्त है जो हिमाचल समेत 14 राज्यों को जारी की गई है। हिमाचल के अलावा आंध्रप्रदेश को 49141.66 लाख, असम को 63158.33 लाख, केरल को 127691.66 लाख, मणिपुर को 23533.33 लाख, मेघालय को 4091.66 लाख, मिजोरम को 11850 लाख, नागालैंड को 32641.66 लाख, पंजाब को 62825 लाख, तमिलनाडु को 33541.66 लाख, त्रिपुरा को 26966.66 लाख, उत्तराखंड को 41775 लाख और पश्चिम बंगाल को 615774.95 लाख रुपए जारी हुए हैं। वहीं, सिक्किम को 3733.33 लाख रुपए जारी हुए हैं।
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क्यों दिया जाता है राजस्व घाटा अनुदान, इससे पहले किन राज्यों को हुआ था जारी
बता दें कि राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व में किसी प्रकार का नुकसान होने के एवज में राजस्व घाटा अनुदान दिया जाता है। इससे पहले तीन अप्रैल को मंत्रालय ने 14 राज्यों को ‘केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6,195 करोड़ रुपए जारी किया था। ये राज्य आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तिमलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल थे।