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नई दिल्ली। भारत के टैक्स अधिकारी आज से जान सकेंगे कि स्विस बैंकों (Swiss banks) में किन भारतीयों का कितना काला धन (black money)जमा है। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच बैंकिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान का एक समझौता हुआ है जो 1 सितंबर यानी आज से प्रभावी होने जा रहा हैं। इससे काले धन का पता लगाना बेहद आसान हो जाएगा दरअसल भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए समझौते के तहत अब दोनों देश बैंक खातों से जुड़ी सूचनाएं एक दूसरे से साझा करेंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालेधन से लड़ाई के खिलाफ इस कदम को काफी अहम करार दिया है। साथ ही बोर्ड का कहना है कि सितंबर से ‘स्विस बैंक से जुड़ी गोपनीयता’ का दौर समाप्त हो जाएगा और वहां जमे काले धन की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाता है। सीबीडीटी ने कहा है कि सूचना आदान प्रदान की यह व्यवस्था शुरू होने के ठीक पहले भारत आए स्विट्जरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने 29-30 अगस्त के बीच राजस्व सचिव एबी पांडेय, बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी और बोर्ड के सदस्य अखिलेश रंजन के साथ बैठक की। जानकारी केअनुसार सीबीडीटी के लिए एक अच्छी बात यह भी है कि उसे अब स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के साल 2018 में बंद किए खातों की जानकारी भी मिल सकेगी। बता दें कि भारत सरकार की ओर से सख्ती अपनाने के बाद कई लोगों ने स्विस बैंकों में अपने खाते बंद कर दिए थे और पैसा कहीं और ट्रांसफर कर दिया था। साथ ही अब टैक्स विभाग को ऐसे लोगों पर भी नकेल कसने में आसानी होगी।
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