-
Advertisement
हिमाचल में “पुराने वाहन” की सवारी पड़ेगी भारी
Last Updated on March 28, 2021 by
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश सहित देश की सड़कों पर इस वक्त चार करोड़ के आसपास पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। इनमें से दो करोड़ वाहन तो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं। इन वाहनों पर केंद्र सरकार की नजर पड़ चुकी है। इसलिए ही इन सभी पर हरित कर लगाने की तैयारी चल रही है। देशभर की अगर बात करें तो कर्नाटक इसमें सबसे ऊपर आता है, यहां 70 लाख के करीब पुराने वाहन जोकि 15 साल से ज्यादा के हैं,सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में ऐसे वाहनों को डिजिटल किया है। ऐसे वाहनों पर हरित कर लगाने का प्रस्ताव राज्यों को पहले ही भेजा जा चुका है।
उपलब्ध डाटा के मुताबिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं, इस राज्य में ऐसे पुराने वाहनों की संख्या 56.54 लाख है। इसके बाद दिल्ली में 49.93 लाख वाहन हैं,जोकि देशभर में तीसरे स्थान पर आते हैं। दिल्ली में 35.11 लाख वाहन 20 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। केरल में 34.64 लाख,तमिलनाडु में 33.43 लाख,पंजाब में 25.38 लाख व पश्चिम बंगाल में 22.69 लाख पुराने वाहन हैं। हरियाणा,राजस्थान, गुजरात, ओडिशा व महाराष्ट्र में पुराने वाहनों की संख्या 17.58 लाख से 12.29 के बीच हैं। इसी तरह हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, बिहार, गोवा, त्रिपुरा, दादरा एवं नगर हवेली,दमन एवं दीव, झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ में ऐसे पुराने वाहनों की संख्या एक लाख से 5.44 लाख के बीच है। आंकड़ों के मुताबिक शेष बचे राज्यों में ऐसे वाहनों की संख्या एक लाख से कम है। केंद्र सरकार पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ऐसे पुराने वाहनों पर जल्द ही हरित कर लगाने की तैयारी में है।