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हमीरपुर। कोरोना वायरस का खौफ प्रदेश में बढ़ता ही जा रहा है। एहतियात के तौर पर सरकार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई है। हिमाचल में धार्मिक स्थलों पर लोग ज्यादा एकत्रित होते हैं इसलिए मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने चैत्र मेलों पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया है वहीं आज दोपहर दो बजे के बाद सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध (Baba Balak Nath Temple Deotsidh) के कपाट भी बंद हो जाएंगे। मंदिर अधिकारी ने अनिश्चित काल तक मंदिर बंद रखने की घोषणा कर दी है। यह पहली बार हो रहा है कि बाबा बालक नाथ मंदिर के कपाट को इस तरह श्रद्वालुओं के लिए बंद किया जाएगा। क्योंकि चैत्र मास मेलों में चैबीस घंटे मंदिर के कपाट खुले रहते थे और लाखों की तादाद में श्रद्वालु मंदिर में बाबा के दरबार पहुंचते थे। लेकिन इस बार करोना वायरस की भेंट चढ़े चैत्र मास मेलों में श्रद्वालाुओं की आने के लिए मनाही रहेगी।
डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि कारोना वायरस के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्व के मंदिर के कपाट को दोपहर दो बजे के बाद बंद करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाबा के दरबार में करोना वायरस के बावजूद हजारों श्रद्वालु पहुच रहे हे जिसके चलते जिला प्रशासन ने अब यह सख्त फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि मेले में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली , चंडीगढ़ समेत विदेषों से भी श्रद्वालु आते है इसलिए एहतियायत के चलते मंदिर के कपाट को बंद करने का फैसला लिया है।
गौर हो कि ऊना जिला के शक्तिपीठ चिंतपूर्णी (Shaktipeeth Chintpurni) में भी आज से मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। मंदिर में माता रानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के आने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। मंदिर प्रशासन ने बताया किश्रद्धालुओं को वेबसाइट व मोबाइल पर माता रानी की पिंडी के लाइव दर्शन करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा कांगड़ा जिला (Kangra District) के शक्तिपीठ ज्वालाजी, बज्रेश्वरी, चामुंडा देवी और बगलामुखी आदि के कपाट बुधवार से बंद कर दिए जाएंगे।
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