-
Advertisement
निजी स्कूल बसों के किराये बढ़ौतरी निर्णय का छात्र अभिभावक मंच ने किया विरोध
Last Updated on January 29, 2020 by Deepak
शिमला। जिला प्रशासन के साथ निजी स्कूल बसों (Private School Bus) के किरायों (Fare) में बढ़ोतरी पर बैठक हुई। छात्र अभिभावक मंच शिमला (chatra abhibhavak manch shimla) ने किराया बढ़ाने का कड़ा विरोध जताया है। छात्र अभिभावक मंच ने दो टूक पूछा है कि जिला प्रशासन को किराया तय करने की अनुमति किसने दी। क्या प्रशासन ने अभिभावकों को पूछा कि किराया कितना होना चाहिए या स्कूलों के लिए कौन सी बसें होनी चाहिए। अभिभावक मंच का आरोप है कि सरकार निजी बस चालकों को फायदा दे रही है। सरकार और प्रशासन की सांठगांठ के चलते ही शहर के अभिभावको को अपने बच्चों को महंगी शिक्षा प्रदान करनी पड़ रही है। एक तरफ़ लोग मंहगाई की मार झेल रहे हैं तथा दूसरी तरफ शासन और प्रशासन का यह किराये का बोझ बच्चों को शिक्षा से वंचित कर देने वाला फ़ैसला है।
यह भी पढ़ें: दिव्यांग पोती के साथ दुष्कर्म के आरोपी दादा को अदालत ने Remand पर भेजा
प्रशासन ने किराये की दर दोगनी तय कर दी है जहां पथ परिवहन निगम की बसों में छात्रों के रियायती पास 900 रुपये में बनते थे वो प्रशासन ने 1800 रुपये महीना कर दिया है। मार्च के महीने में सभी निजी स्कूल अपनी बढ़ाई हुई फीस अभिभावकों के ऊपर थोपते हैं साथ में बच्चों की वर्दिया किताबें जुते तथा स्कूल की हर एक वस्तु माता पिता को खरीदनी पड़ती है।
अभिभावक मंच ( chatra-abhibhavak manch) ने बताया कि सरकार ने कहा था कि जब तक स्कूल अपनी बसें नही खरीदता है निगम स्कूलों के लिए अपनी बसें जारी रखेगा। इस दो गुना किराया वृद्धि से स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन व निजी बस संचालको की सांठगांठ है। छात्र अभिवावक मंच ने सरकार से मांग करती है कि इस फैसले को तुरंत वापस ले और पुरानी दरों पर शहर के स्कूलों के लिए बसें चलाए।