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देहरादून। कोरोना काल में अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया के तहत सब कुछ खोला जा रहा है, इसी कड़ी में पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की आवाजाही भी एक बार फिर से शुरू हो गई। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में विश्व विख्यात महर्षि महेश योगी की भावातीत चौरासी कुटिया को देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए शुक्रवार से खोल दिया गया। आज सुबह 11:00 बजे चौरासी कुटिया के द्वार सभी के लिए खोल दिए गए।
इस मौके पर टाइगर संरक्षक पुनीत तोमर, वार्डन ललिता टम्टा और रेंजर बीपी शर्मा मौजूद रहे। हालांकि आज के दिन केवल गिनती के ही पर्यटक आध्यात्मिक केंद्र चौरासी कुटिया (Chaurasi Kutiya) में पहुंचे। गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान लगभग बीते 6 माह से चौरासी कुटिया को बंद रखा गया था।
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के अधिकारी बृज बिहारी शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पहले इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि कुटिया के द्वार 15 अक्टूबर से खुलेंगे लेकिन शासन स्तर से इसे हरी झंडी नहीं मिलने के कारण अब जाकर इसे 16 अक्टूबर को खोला गया। बता दें कि इस पार्क का निर्माण सन 1957 में योग गुरु महर्षि महेश योगी (Maharshi Mahesh Yogi) ने करवाया था। पाठ क्षेत्र में योग तथा ध्यान करने के लिए महर्षि द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था। वन विभाग से लीज पर भूमि लेने के बाद योग गुरु ने यहां भावातीत और योग ध्यान के लिए योग नगरी का निर्माण किया। इसके बाद लगभग वर्ष 1984 में महर्षि महेश योगी आश्रम छोड़कर नीदरलैंड चले गए इसके बाद पार्क प्रशासन ने एक बार फिर से इस पर अपना स्वामित्व जमा लिया।
वहीं अब कोरोना काल के बीच इस कुटिया को मार्च महीने से ही बंद कर दिया गया था। चौरासी कुटिया में प्रवेश के लिए पार्क प्रशासन की तरफ से पर्यटकों के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है। यहां विदेशी पर्यटकों के लिए 600 विदेशी पर्यटकों के लिए 300 रुपए का शुल्क तय किया गया है इसके अलावा छात्र छात्राओं से भी यहां जाने के लिए 200 रुपए का शुल्क लिया जाता है।\
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