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शिमला। 14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त हो रहा है लेकिन सरकार की परेशानी इसी के साथ बढ़ने वाली है। सरकार के सामने बोर्ड कक्षाओं (Board classes)के मूल्यांकन के कार्य की भी चुनौती है जिसे लेकर एक प्रस्ताव प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से मांगा गया है । दरअसल, प्रदेश सरकार अब बोर्ड कक्षाओं के मूल्यांकन के कार्य में बदलाव करने की तैयारी में है। पेपरों की चेकिंग मूल्यांकन केंद्रों में करवाने के बजाय घरों से करवाई जा सकती है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से सरकार ने पूछा है कि क्या मूल्यांकन केंद्रों (Evaluation centers) के बजाय शिक्षक घरों से पेपर चेक कर सकते हैं। क्या मूल्यांकन केंद्रों में इतनी जगह है कि शिक्षकों को एक हॉल में बिठाने के बजाय एक कमरे में तीन से चार शिक्षकों को ही बिठाया जाए। यदि घरों में मूल्यांकन कार्य करने की अनुमति दी जाती है तो पेपर चेकिंग की सुरक्षा पर इसका कोई प्रभाव तो नहीं पड़ेगा।
कैबिनेट की बैठक (Cabinet meeting) में भी इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। मूल्यांकन केंद्र में 20 से 30 के करीब शिक्षक एक साथ बैठते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिये हैं कि वे इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजे। इस बारे में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड से इसको लेकर प्रस्ताव मांगा गया है। बोर्ड से प्रस्ताव आने के बाद ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। अभी पेपरों के मूल्यांकन के लिए प्रर्याप्त समय है।
गौर हो कि राज्य सरकार ने हिमाचल के ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में गैर बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को लेकर सरकार में बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत बिना परीक्षा परिणाम घोषित किए इन कक्षाओं के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
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