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Cherry : चेरी छोटा सा लाल रंग का फल है, जिसका वैज्ञानिक नाम प्रूनस एवियम है, जो रोजेसी कुल की सदस्य है। चेरी प्राचीन समय से ही उपयोग में आता रहा है। कैस्पियन समुद्र के आस-पास के क्षेत्र और यूरोप में इसका आगमन सैकड़ों साल पहले हो चुका था तथा यूनान में इसकी खेती के ऐतिहासिक साक्ष्य मिलते हैं और आज के समय में चेरी विश्व भर में निर्यात होती है। भारत में चेरी का उपयोग अंग्रेजी काल के समय में माना जाता है और तब से लेकर अब तक भारत के अनेक क्षेत्रों में इसकी बाग़वानी की जाती है।
चेरी की विभिन्न किस्में हैं। एक मीठी चेरी है जिसे प्रूनस एवियम कहते है यह चेरी स्वाद में ज़्यादा स्वादिष्ट और मीठी होती है। दूसरी खट्टी चेरी, जिसका वैज्ञानिक नाम प्रूनस सीरैसस है। यह भी दो वर्गों में शामिल है जिसमें से एक अमरैलो चेरी है तथा दूसरी मोरैलो चेरी है जो स्वाद में कम मीठी होती है। इनमें खटास ज़्यादा मात्रा में पाई जाती है। तीसरे स्थान पर है ड्यूक चेरी, जो मिलाजुला स्वाद रखती है। चेरी एक स्वादिष्ट फल है, जो विभिन्न तरह से भोज्य पदार्थों में उपयोग किया जाता है।
इस फल को व्यंजनों तथा पेय पदार्थों की सजावट के तौर पर भी प्रयोग करते हैं। कॉकटेल में इसका खूब उपयोग होता है। चेरी शेक, जूस इत्यादि स्वादिष्ट पेय पदार्थ बनाए जाते हैं। चेरी स्वास्थ्यप्रद फल है, जो अनेक पोषक तत्वों से भरपूर है। यह विटामिन सी और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है इसके साथ ही इसमें अधिकांश विटामिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पाये जाते हैं। चेरी फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फ़ॉस्फोरस जैसे खनिज तत्वों का भी एक अच्छा स्रोत है। यह पुष्टिकारक तो होती ही है, साथ ही इनमें विटामिन और प्राकृतिक लवण भी भरे रहते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। चेरी भी ऐसा ही फल है।
वैज्ञानिकों के अनुसार चेरी के जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तथा विटामिन शरीर को रोगों से बचाते हैं एवं कोई क्षति नहीं पहुंचने देते है, और जो क्षति होती है उसको ठीक करने में सहायक बनते हैं। इसके साथ ही यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती है। ऐसिडिटी से छुटकारे के लिए आप चेरी को खा सकते हैं या चेरी का जूस भी ले सकते हैं जो फ़ायदेमंद होता है। मधुमेह- चेरी खाने से मधुमेह नियंत्रित हो सकता है। चेरी के मीठे और खटटे फल में महत्त्वपूर्ण तत्व ऐन्थोसाइनिन पाया जाता है। यह रसायन शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ाने के साथ साथ रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित रखता है और हृदय से संबंधी बीमारियों के खतरे को भी कम करने में सहायक है।
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